खबर लहरिया जवानी दीवानी बुंदेलखंड की प्रतिभा को निखारने में लगे हैं डॉ धनंजय सिंह

बुंदेलखंड की प्रतिभा को निखारने में लगे हैं डॉ धनंजय सिंह

बांदा जिला में नटराज म्यूजिक स्कूल एंव संगीत महाविद्यालय में डॉ धनंजय सिंह द्वारा बच्चों को संगीत वादन, लोक नृत्य जैसी की कला सिखाई जाती है जहाँ पर 550 बच्चे संगीत की शिक्षा ले रहे हैं.

2009 में इस विद्यालय की स्थापना की गई. नटराज संस्थान के संस्थापक डॉ. धनंजय सिंह ने बताया कि जब हमने संगीत की शुरुआत की थी तब नटराज की कल्पना आई मैंने सोचा की जब मेरे घर में इतने सक्षम लोग हैं.

तो मैं तो पढ़ सकता हूँ मेरे घर वालों ने मुझे इलाहाबाद भेजा वहां तैयारी किया लखनऊ भेजा वहां पर तैयारी किया लेकिन एक कल्पना आई की जिस प्रकार से इस क्षेत्र से मैं निकला हूँ तो वैसे बहुत सारे प्रतिभाये हैं. हुनर हैं जो घर में ही दबी रह जाती हैं तो मन में विचार आया की खुद यहाँ की ऐसा छाता हो जिसमे यहाँ के बच्चो को तरास सकते हैं.बढते हत्या और मारपीट जैसे क्राइम से कैसे उभरेगा बुंदेलखंड

साढ़े पांच सौ बच्चे आज शिक्षा ले रहे हैं जो हमने दस साल पहले सोचा था वो सपना पूरा हो गया. डॉ. धनंजय सिंह ने बताया कि बेटियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं आज लता मंगेशकर सुन रही होंगीं तो उनको लग रहा होगा की आज मैं ही एक लता हूँ. एक दिन ऐसा आएगा की घर-घर में लता मंगेशकर निकलेगी यहाँ से कई बच्चे निकलकर बाहरी दुनियां में इस संसथान ही नहीं पुरे देश का नाम रौशन कर रहे हैं. कला की कोई जाति नहीं होती किसके घर में कला जीवित हो जाये मुझे नहीं लगता जातिगत कोई बात है हमारे यहाँ हर जाती के बच्चे हैं और काला सीख रही हैं .