खबर लहरिया Blog नाम नहीं हालात बदलो!

नाम नहीं हालात बदलो!

उत्तर-प्रदेश में एक बार फिर से शहरों के नाम बदलने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। इलाहाबाद और फैजाबाद जिलों का नाम बदल चुकी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब बस्ती जिले का नाम बदल कर वशिष्ठ नगर या विशिष्ठ रख सकती है। जाने माने लेखक विलियम शेक्सपियर ने एक बार कहा था- ‘नाम में क्या रखा है? अगर गुलाब को किसी और नाम से पुकारें तो वो ऐसी ही खूबसूरत महक देंगा। लेकिन मुझे लगता है कि नाम में बहुत कुछ रखा है। क्योंकि नाम बदलने से जज्बात नहीं बदला करते। योगी सरकार तो कुछ बदलाव नहीं ला पाई लेकिन एक काम जरुर किया है स्टेशन और जिलों के नाम बदलें है और अब इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है।
आपको बता दें कि अब बस्ती का नाम बदल कर वशिष्ठ नगर किया जा रहा है अयोध्या जिले के पास ही बस्ती जिला है मान्यता है कि गुरु वशिष्ठ के नाम से ही बस्ती का नाम अस्तित्व में आया है डीएम बस्ती ने राजस्व विभाग को प्रस्ताव भेजा है जल्द ही कैबिनेट में नाम बदलने का प्रस्ताव आ सकता है

 

 

योगी आदित्यनाथ के उत्तर-प्रदेश की सत्ता सँभालने के बाद से ही नाम बदलने की राजनीति जोरो पर है। साल 2018 उत्तर-प्रदेश में कई जगहों पर नाम बदलने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। अब तक योगी सरकार कई बड़े जिलों के नाम बदल चुकी है सबसे पहले मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रखा गया उसके बाद इलाहाबाद जिसे संगम नगरी भी कहा जाता है उसका नाम प्रयागराज रखा। जहाँ अरबों रुपये बहाकर न गंगा की सफ़ाई कर पाए हैं, न यमुना की गंदगी को थोड़ा बहुत भी कम कर पाए हैं, और न ही ऐतिहासिक शहर इलाहाबाद को एक सुंदर शहर बना पाए हैंइसलिए संगम के किनारे बसे शहर का नाम प्रयाग रखकर पवित्रता का नक़ली बोध पैदा करने की कोशिश करते हैं। उसके बाद फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपावली में ‘दीपोत्सव’ समारोह में कुछ बड़ी घोषणाएं की थी। जिसमें फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की भी घोषणा की। इसके अलावा सीएम ने कहा कि अयोध्या में एक मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट बनाया जाएगा। एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर और मेडिकल कॉलेज का नाम राजा दशरथ के नाम पर होगा।योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि अयोध्या हमारी आन-बान और शान है।

 

अब सवाल ये उठता है कि क्या नाम बदलने से विकास होगा? अगर बेरोजगार अपना नाम बदलकर अम्बानी रख लें तो क्या वे सच में अम्बानी बन जायेंगे? लोगों ने, नाम नहीं सरकार बदली थी लेकिन सरकार सड़को और शहरों का नाम बदलने में लगी हैजनता सरकार बदलकर बदलाव लाना चाहती थी जिससे विकास हो बेरोजगारों को रोजगार मिले, जनता भूखी न मरे ,लेकिन सरकार नाम बदलने में जुटी हुई है। अगर हम फैजाबाद की बात करें तो अस्पताल में बाहर से दवाओं के नाम लूट, सड़कें उबड़ खाबड़ और  शिक्षा व्यवस्था बदहाल है हम कहते हैं योगी आदित्यनाथ तो हर दूसरे महीने अयोध्या का दौरा करते हैं लेकिन क्या इन मुद्दों पर कुछ किया? क्या गरीबों की कभी सुनी या बेरोजगारों से चर्चा की, कि बेरोजगार किन परिस्तिथियों से गुजर रहे हैं किस हाल में पढ़ाई कर रहे हैं? विकास के नाम पर नाम बदलकर पैसे की बर्वादी कर रही है सरकार।

बस्ती जिला ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बस्ती जिला गोंडा जिले के पूर्व और संत कबीर नगर के पश्चिम में स्थित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश का सातवां बड़ा जिला है। प्राचीन समय में बस्ती को ‘कौशल’ के नाम से जाना जाता था। बस्ती अच्छी तरह से रेल और सड़क मार्ग से देश एवं प्रदेश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। बस्ती रेलवे स्टेशन लखनऊ और गोरखपुर के बीच एक मुख्य रेलवे स्टेशन है। यहाँ से हावड़ा, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, जम्मू, इनके साथ के कई राज्यो के लिय समय समय पर रेल गाड़ी मिलती है। इंटरसिटी, सुपरफास्ट जैसे तेज गति से चलने वाली रेल गाड़ी भी चलती है।

अगर हम विकास की बात करें तो खबर लहरिया अभी एक सीरिज भी चला रहा है क्या बुंदेलखंड में विकास हो रहा है? जिसमे कई तरह की चीजें निकलकर सामने आई हैं। इस विडियो से आपको सब पता चल जायेगा की किस तरह विकास हो रहा है। 

 


तो सुना आपने किस तरह विकास हो रहा है? इस विडियो से आपको पता चल ही गया होगा कि नाम बदलने की जरुरत है या विकास की? नाम बदलने का सिलसिला वास्तव में परिस्थिति न बदल पाने में विफलता या सच्चा बदलाव लाने का सामर्थ्य न होने की कहानी कहता है