हालांकि देशभर में दिवाली पर खूब अवैध पटाखों जलाए गए जिस वजह से हवा जहरीली हो गई है। 21 अक्टूबर 2025 की सुबह दिल्ली का एक्यूआई 500 क्रॉस कर गया था। दिल्ली में 35 में से 32 AQI मीटरों ने 300 का आंकड़ा पार कर लिया है। दिवाली के बाद बवाना 427 AQI के साथ सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा।
दिवाली के जश्न में हुई आतिशबाजी से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर आर्थिक राजधानी मुंबई तक हवा खराब हुई है। दिल्ली का AQI लगातार बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। ताजा डेटा के मुताबिक दिल्ली का AQI 359 दर्ज किया गया है।
बता दें मंगलवार यानी 21 अक्टूबर 2025 की सुबह दिल्ली का एक्यूआई 500 क्रॉस कर गया था। दिल्ली में 35 में से 32 AQI मीटरों ने 300 का आंकड़ा पार कर लिया है। दिवाली के बाद बवाना 427 AQI के साथ सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा।
बता दें कि इस बार सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति दी थी। हालांकि देशभर में दिवाली पर खूब अवैध पटाखों जलाए गए जिस वजह से हवा जहरीली हो गई है। आइए आपको बतात हैं कि दिल्ली-एनसीआर के किस इलाके में कितना एक्यूआई है?
दिल्ली में AQI का हाल –
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी। दिल्ली में 20 और 21 अक्टूबर 2025 को हुए प्रदूषण के अनुसार वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा 51 से 100 के बीच संतोषजनक 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
20 अक्टूबर की रात 10 बजे 38 में से 36 निगरानी स्टेशनों ने प्रदूषण का स्तर ‘रेड जोन’ में दर्ज किया गया था जिससे दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई।
#WATCH | Visuals from Akshardham temple as GRAP-2 invoked in Delhi.
The Air Quality Index (AQI) around Akshardham was recorded at 358, in the ‘Very Poor’ category, in Delhi this morning as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/6JxECL9uPe
— ANI (@ANI) October 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मनाई गई दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हरित पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। हालांकि कई लोगों ने अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया और देर रात तक जश्न जारी रहा।
देश के अन्य इलाकों में भी बुरे हालात
दिल्ली के अलावा कई अन्य प्रमुख भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता कम खतरनाक श्रेणी में रही. मुंबई (214), पटना (224), जयपुर (231) और लखनऊ (222) को ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया, जबकि बेंगलुरु (94) ‘संतोषजनक’ और हैदराबाद (107), चेन्नई (153) का एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा।
पहाड़ों की हवा भी हुई जहरीली
दिल्ली एनसीआर ही नहीं पहाड़ी इलाकों की भी हवा जहरीली हो रही है। उत्तराखंड के नैनीताल में एक्यूआई लेवल 164 पहुंच गया है। वहीं दूहरादून में प्रदूषण का स्तर 218 पहुंच गया है। आने वाले दिनों में एक्यूआई लेवल बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश में भी प्रदूषण बाकी जगहों से बहुत अलग नहीं रहा है। फरीदाबाद में एक्यूआई 412 दर्ज किया गया गुड़गांव में एक्यूआई 402 रहा। मेरठ में सुबह 7:30 बजे एक्यूआई 302 था।
उत्तर प्रदेश के बांदा में आज तक़रीबन 12 बजे के आसपास पठाखों के प्रदूषण के पूरा आसमान काला नजर आ रहा था। खबर लहरिया के रेपोर्टरों ने बताया कि दिवाली में इतने ज़्यादा पटाखे जले हैं कि हवा स्वास्थ को भी प्रभावित कर रही है।
गले में और आँख में प्रदूषण के कारण जलन महसूस होने लगी है। वहीं महोबा में AQI 161 दिखा जो खराब हवा के अंतर्गत आता है।
दीपावली के ठीक बाद लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 के पार पहुंच गया जो “बहुत खराब (Very Poor)” श्रेणी में आता है। पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार, त्योहार के दौरान पटाखों का अत्यधिक उपयोग, बढ़ती गाड़ियों की संख्या और तापमान में हल्की गिरावट के बाद हवा का ठहराव , इन तीनों ने मिलकर राजधानी की वायु गुणवत्ता को जहरीला बना दिया है। वहीं दिन में सूरज की तेज किरणों ने धुएं के साथ मिलकर वातावरण में अजीब-सी गर्माहट पैदा कर दी है।
दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने भी पटाखों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है की पिछले साल के मुतबिक इस साल दिल्ली में प्रदूषण कम हैं।
बता दें दिवाली के पहले ही दिल्ली में AQI लगभग 370 था। बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमती दी थी।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’









