पहलवान विनेश फोगाट ने हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस बस में बैठने के बाद कहा था, “नया देश आपको मुबारक ( (Congratulations on the New India)।”
“ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहाँ आना है गोली खाने… क़सम है पीठ नहीं दिखाएँगे, सीने पे खाएँगे तेरी गोली। यो ही रह गया है अब हमारे साथ करना तो यो भी सही।”- ट्वीट के जवाब में बजरंग पुनिया ने कहा।
बता दें, एक पूर्व IPS ने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए बजरंग पूनिया को कहा था, “ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ालिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमाॅर्टम टेबल पर!”
भारतीय पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट , बजरंग पुनिया और उनके अन्य समर्थकों को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया। वह भी इस वजह से क्योंकि वह रविवार, 28 मई को नए संसद भवन की तरफ मार्च कर रहे थे। रिपोर्ट्स व कई वीडियों में सामने आया कि पुलिस द्वारा महिला व पुरुष खिलाड़ियों के साथ मारपीट की गयी और इस बीच काफी खिलाड़ियों को चोट भी पहुंची। यह वह खिलाड़ी हैं जो समय-समय पर देश का नाम रोशन करते आ रहे हैं और उन्हें सिर का ताज कहा जा रहा था। आज देश के इन्हीं खिलाड़ियों के साथ बर्बरता की जा रही है।
इसी बीच यह देखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे जिसे 21 विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कृत भी किया गया।
यह भी देखा गया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के अंदर धार्मिक अनुष्ठान किया गया जिसके बाद परिसर ‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंज गया। वहीं दूसरी तरफ संसद भवन के बाहर जंतर-मंतर पर एक महीने से भी ज़्यादा आंदोलन कर रहे खिलाड़ियों के साथ पुलिस ने मारपीट की, उन्हें ज़बरन पुलिस की गाड़ियों में डाला।
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लोगों के खिलाफ हुई रिपोर्ट दर्ज़
एएनआई को दिल्ली पुलिस ने बताया, पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और विरोध कर रहे अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कुछ पहलवान विरोध करने के लिए रात में जंतर-मंतर आए थे, उन्हें अनुमति नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया।
आगे यह भी बताया, जंतर-मंतर पर हुई हाथापाई के मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन आयोजकों और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
‘महिला सम्मान महापंचायत का किया था आह्वान
भारतीय पहलवानों ने भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ सरकार की निष्क्रियता का विरोध करते हुए विवाद से भरे नए संसद भवन के बाहर ‘महिला सम्मान महापंचायत’ (Mahila Samman Mahapanchayat) आयोजित करने हेतु लोगों को बुलाया था। इस प्रदर्शन में पहलवानों के समर्थन में पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान यूनियन भी शामिल हुए थे।
पहलवान विनेश फोगाट ने हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस बस में बैठने के बाद कहा था, “नया देश आपको मुबारक ( (Congratulations on the New India)।” रिपोर्ट्स के अनुसार, ओलंपियन साक्षी मलिक की तरह ही विनेश फोगाट को भी दिल्ली की कई महिला पुलिसकर्मियों द्वारा घसीट कर बस में डाल दिया गया और एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
कई किसानों को लिया गया हिरासत में
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, किसान नेता तेजवीर सिंह के मुताबिक जंतर-मंतर जा रहे तकरीबन 35 किसान नेताओं और उनके समर्थकों को दिल्ली-हरियाणा की कुंडली-सिंघू बॉर्डर से हिरासत में लिया गया और सोनीपत के पास मोहना थाने में रखा गया। हिरासत में लिए गए लोगों में बीकेयू (एसबीएस) के अध्यक्ष अमरजीत मोहरी, बीकेयू (क्रांतिकारी) के बलदेव जीरा, गुरप्रीत संघ, ग्रामीण किसान समिति (जीकेएस) के रंजीत सिंह राजू और सुखविंदर सिंह औलख शामिल हैं।
महिला पहलवान साक्षी मलिक ट्वीट करते हुए लिखती हैं, “हमारे चैंपियंस के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। दुनिया हमें देख रही है!”
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कई नेताओं ने किया ट्वीट
कांग्रेस लीडर राहुल गांधी भारतीय पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद एक वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखते हैं, “राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!”
आगे यह भी कहा कि,”संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।”
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, “देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय।”
यह मामला अतः दो पक्षों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है, जहां आधी जनता सरकार की तरफ व आधी खिलाड़ियों के साथ नज़र आ रही है। वहीं रविवार को जिस तरह से पहलवानों के साथ मारपीट कर उन्हें बसों में भरा गया, इस घटना ने सरकार, दिल्ली पुलिस, नए संसद भवन और नए देश के निर्माण को लेकर चल रही बातों पर गहरे प्रश्न खड़े करने का काम किया है।
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