महोबा जिले में मेडिकल कॉलेज बनने को लेकर मांग तेजी से बढ़ गयी है। लोग सोशल मीडिया पर तरह तरह के पोस्ट डालकर चर्चा कर रहे है
लोग अनशन कर रहे है, तो वही बाँदा में बने मेडिकल कॉलेज की स्थिति पर रोना आ रहा है।
103 एकड़ की जमीन में 526 करोड़ की लागत का बना मेडिकल कॉलेज आज आंसू बहा रहा है। महोबा जिले के लोगो का कहना है कि महोबा जिला में भी बनेगा सरकार ने कहा था। जिसके लिए जिले की प्रशाशन ने सरकार को जमीन भी भेजी थी थी।
बांदा जिले के मेडिकल कॉलेज में कॉलेज के अलावा और कुछ नहींपर उस जमीन को कैसिल कर दी है। महोबा जिले में इसका बनना बहुत जरूरी है। क्योंकि यहां पर आए दिन एक्सीडेंट होते है। जिले में अच्छी सुविधा और डॉक्टर न होने की वजह से उन्हें कानपुर रेफर किया जाता है।
बुन्देलखंड का इकलौता अस्पताल है जहाँ न डॉक्टर हैं न ही कोई सुबिधा, डाक्टर ने खुद इस बात को माना है यहाँ पर बहुत ज्यादा मात्र में डाक्टरों की कमी है इसकी सबसे बड़ी वजह है कि एक साथ कई मेडिकल कॉलेज खोले गये। तो सरकार कहाँ कहाँ डॉक्टर की नियुक्ति करेगी। जो डॉक्टर हैं भी उनका वेतन कम होने की वजह से भी वह बाहर खुद का क्लिनिक खोलकर प्रेक्टिस करते हैं
और मरीजों का इलाज करते हैं ज्यादा पैसे लेते हैं जिससे उनका फ़ायदा हो। इसमें या तो डाक्टरों का वेतन बढाया जाय तब डाक्टर अस्पताल में टिकेंगे नहीं तो मरीजो का भविष्य संकट में है। बांदा मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक का कहना है कि इतना बजट खर्च होने के बाद भी यहां सारी सुविधा नही है, डॉक्टरों की कमी है
, अल्ट्रासाउंड मशीन नही है, खून चेकप के अलावा कोई दूसरे चेकप करने वाले न डॉक्टर है न ही मशीने है। डॉक्टरों और मशीनों की कमी होने की वजह से कई बार गंभीर मरीज को रेफर करना पड़ता है।