जिला छतरपुर| यहाँ मारुति सुजुकी कंपनी में बड़ी-बड़ी मशीनों द्वारा टेक्नोलॉजी के जरिए एक्सीडेंट कार बनाई जाती है जहां पर 11000 पावर की मशीन है तो कोई 94 केवीए की मशीने है| जिनमे काफी खतरा होते हुए भी पेट पालने के लिए लोग काम को करते हैं|
मशीन द्वारा बड़ी-बड़ी लोहे की चादर काटकर गाड़ियों में जोड़ी जाती हैं जिससे वह गाड़ी फिर से नई जैसी दिखने लगती है इस कंपनी में कम से कम 50 मिस्त्री हैं जिनको एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी वाले काम करते हैं|किसी को इंजन वाला काम तो किसी को बॉडी शॉप का तो किसकी को पूरी कार बनाने का आता है| जब यहां पर मिस्त्री से बात की तो उन्होंने बताया कि यह जो बड़ी-बड़ी मशीनें हैं इनसे हम लोग एक्सीडेंट वाली कार को बनाते हैं और फिर अंदर कॉलेज के लिए डाल देते हैं पर यह जो मशीनें हैं यह 11000 केवी की रहती है इनमें करंट होता है और कभी-कभी ब्लास्ट हो जाता है|
जिससे मौत का भी खतरा रहता है कुछ लोगों ने बताया कि एक बार वहां पर इस मशीन द्वारा ब्लास्ट हो गया था जिससे 3 लोगों की मौत हो गई थी और 12 लोग घायल थे| इन मशीनो को बड़े ही सतर्कता से चला कर काम करते हैं| क्योंकि आज के समय में टेक्नोलॉजी का दौड है कोई भी काम बीन मशीने के नहीं होता| कंपनी के मैनेजर ने बताया कि वह लोग इन कारीगरों को काम में रखने से पहले ट्रेनिंग देते हैं उसके बाद जो आईटीआई कर जाता है और पूरी तरह से मशीनरी टेक्नोलॉजी आने लगती है| उसको वह लोग यहां पर काम करने के लिए रखते है और सबसे अच्छा रहता है कि उसको वह लोग कहीं बाहर काम करने का मौका देते हैं जिससे वह इंसान और आगे अपना काम कर सके और भी कुछ लोगों ने बताया कि कई कई लोग तो पूरी- पूरी कार बना लेते हैं जिससे वह बिल्कुल भी नहीं लगती कि यह एक्सीडेंट वाली कर है| क्योकि आजकल टेक्नोलॉजी कहां कहां कितने आगे बढ़ चुकी हैं ये कह पाना संभव नहीं है|