भीषण गर्मी व लू से बचाव के लिए ग्रामीणों के पास अपने ही नुस्खे व तरकीब होते हैं। ये नुस्खे, ये तरीके पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते हैं और इस्तेमाल में आते हैं। इन नुस्खों की अपनी कहानी और अपना इतिहास भी होता है जो इन्हें असरदार बनाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गर्मी में लू से बचाव के लिए सूखे हुए चने की भाजी का इस्तेमाल करते हैं। यूं तो गर्मी के मौसम में चने की भाजी नहीं मिलती। यह सर्दियों के मौसम में खूब मिलती है तो उस समय लोग भाजी को धूप में सुखाकर आगे के लिए रख लेते हैं।
एक महिला ने नुस्खे से जुड़ी कहानी बताते हुए कहा, “मुझे आज भी याद है कि मेरी माँ और दादी इसे बनाती थी। सर्दी के महीने में चने की भाजी तोड़ कर लाती थी और फिर घर आकर उसे काटती थी और धूप में सूखने के लिए फैला देती थी। जब भाजी सूख जाती थी तो कहती थी कि यह गर्मियों में काम में आएंगी।”
लू लगने पर सूखे चने की भाजी को हाथों और पैरों पर मलने से सारी गर्मी निकल जाती है और व्यक्ति को लू से निजात मिल जाता है।
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लू लगने पर ऐसे बनाएं चने की भाजी का पेस्ट
सबसे पहले एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें पानी और सूखी भाजी को 2 घंटे के लिए छोड़ दें। इसके बाद आप यह पेस्ट अपने हाथों और पैर के तलवों में लगाएं। पेस्ट लगाने पर शरीर की सारी गर्माहट निकल जाती है।
देहात में अधिकतर लोग इसी नुस्खे का इस्तेमाल करते हैं।
आप चने की सूखी भाजी खा भी सकते हैं और इसे बनाना भी आसान है। इसके लिए कढ़ाई लीजिए और उसमें पानी डालिये। सब पानी खोलने लगे तो उसमें चने की भाजी, नमक और थोड़ा-सा आटा डालकर उसे मिलाइये और उसे 20 मिनट तक पकने दीजिये। जब पानी सूख जाए और भाजी हल्की गीली रहे तो उसे बंद कर दीजिये और फिर उसे हरी मिर्च के साथ मज़े से खाइये।
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