खबर लहरिया Blog Delhi SSC Exam: एसएससी परीक्षा रद्द होने के विरोध में सड़क पर उतरे कई छात्र और शिक्षक 

Delhi SSC Exam: एसएससी परीक्षा रद्द होने के विरोध में सड़क पर उतरे कई छात्र और शिक्षक 

इस प्रदर्शन में छात्र देश के अलग-अलग राज्यों से आए थे। छात्रों के साथ देशभर के कई जाने माने शिक्षक भी उन्हें समर्थन करने पहुंचे।

Photo of students during the protest

प्रदर्शन के दौरान छात्रों की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

देश की राजधानी दिल्ली में 31 जुलाई 2025 को हजारों की संख्या में छात्र और छात्राएं और शिक्षकों द्वारा एसएससी पेपर रद्द होने के खिलाफ में जम कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में छात्र देश के अलग-अलग राज्यों से आए थे। छात्रों के साथ देशभर के कई जाने माने शिक्षक भी उन्हें समर्थन करने पहुंचे। बता दें छात्रों द्वारा यह विरोध प्रदर्शन एसएससी द्वारा अंतिम दिन में परीक्षा रद्द करने के खिलाफ है। ना सिर्फ परीक्षा रद्द बल्कि केंद्रों पर खराब प्रबंधन और 24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक आयोजित होने वाली एसएससी चयन पद चरण 13 परीक्षा के दौरान दुर्व्यवहार के आरोपों को लेकर भी है। छात्रों और शिक्षकों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स में विरोध प्रदर्शन के खिलाफ लाठीचार्ज भी किया गया। कई छात्रों द्वारा लाठीचार्ज के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया जिसमें वे कहते दिख रहे हैं कि पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया और कई छात्रों को चोटें भी आई हैं। वीडियो में छात्र यह भी कहते दिखाई दे रहे हैं कि हजार के संख्या में यहां छात्र और छात्राएं कई राज्यों से मिलों दूरी तय कर के परीक्षा दिलाने पहुंचे हैं और अचानक पेपर रद्द कर दिया जाता है तो अब उसमें हुए खर्च का भरपाई कौन करेगा। ये सारे वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।  

क्या है प्रदर्शन का कारण 

विरोध प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण विभिन्न केंद्रों पर एसएससी चयन पद चरण 13 परीक्षाओं का अचानक रद्द होना है। कई उम्मीदवारों ने लंबी दूरी तय की और यात्रा व आवास पर पैसा खर्च किया लेकिन उन्हें पता चला कि उनकी परीक्षाएं बिना किसी सूचना के रद्द कर दी गई हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कई तकनीकी समस्याओं की भी शिकायत की है। इनमें सिस्टम क्रैश, खराब उपकरण और गलत केंद्र आवंटित होना शामिल है। लल्लन टॉप की रिपोर्ट के अनुसार एसएससी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हो रही धांधली और इसमें सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर 31 जुलाई को ‘दिल्ली चलो’ मार्च प्रस्तावित था। इस मार्च से पहले ही एसएससी की कार्यप्रणाली के विरोध में आंदोलन ज़ोर पकड़ने लगा। इसी आंदोलन के समर्थन में अलग-अलग राज्यों के शिक्षक भी दिल्ली पहुंचे हुए हैं।

क्या है एसएससी 

एसएससी यानी स्टाफ कमीशन सेक्शन जिसका हिंदी अर्थ है कर्मचारी चयन आयोग। यह भारत सरकार के अधीन एक महत्वपूर्ण संगठन है जो विभिन्न सरकारी विभागों, मंत्रालयों और संगठनों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। दरअसल एसएससी की स्थापना 1975 में हुई थी।  एसएससी सिर्फ़ ग्रुप बी (नॉन-गैजेटेड) और ग्रुप सी (नॉन- टेक्निकल) के पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता था। बीबीसी के खबर के अनुसार देश की प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस पिछले कई सालों से इन परीक्षाओं का प्रबंधन करती रही थी। लेकिन हाल ही सरकार ने एक सेंट्रलाइज्ड परीक्षा सिस्टम शुरू किया था। ये पहले के सिस्टम की जगह लाया गया था। अब इस नए सिस्टम को लेकर छात्राओं द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस बार इसके तहत कराए जा रहे परीक्षाओं में कई तरह की अनिमियतता के आरोप लगे हैं। 

जाने माने शिक्षक भी हुए प्रदर्शन में शामिल 

इस प्रदर्शन में कई शिक्षकों के साथ कुछ जाने माने शिक्षक भी शामिल हुए। ये वही शिक्षक हैं जो एसएससी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं। इसमें नीतू मैम, राकेश यादव, आदित्य रंजन और अभिनय सर जैसे चर्चित नाम शामिल हैं। बता दें अभिनय सर अभिनय शर्मा हैं जिन्हें लोग प्यार से अभिनय सर कहते हैं। वे देश के सबसे प्रसिद्ध गणित शिक्षकों में से एक हैं। वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं। उनका “Abhinay Maths” नाम का यूट्यूब चैनल बहुत लोकप्रिय है। इसके साथ नीतू मैम वायरल इंग्लिश टीचर हैं। ये KD Live नाम से कोचिंग क्लासेज चलाती हैं। SSC की तैयारी करवाती हैं। इनका फेमस यूट्यूब चैनल भी है। 

छात्रों की क्या है मांग 

छात्राओं ने अपने प्रदर्शन में कुछ मांगे भी रखी है कि परीक्षा आयोजन में हुई गड़बड़ियों की जांच हो, वेंडर को हटाया जाए और नई एजेंसी नियुक्त की जाए, रद्द परीक्षाओं की नई तारीख तुरंत घोषित हो, परीक्षा केंद्रों की निगरानी और जवाबदेही तय हो, छात्रों और शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की जांच हो, सरकार इस मामले में सीधा हस्तक्षेप करे। 

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का समर्थन 

प्रदर्शनकरी छात्रों में से एक शिक्षक ने पीटीआई के वीडियो में बताया कि “उम्मीदवारों को दूर-दराज के केंद्रों पर भेजा जा रहा है, जहाँ उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। कुछ जगहों पर मवेशियों के सिर भूतल पर रखे गए थे जबकि छात्र ऊपर परीक्षा दे रहे थे। चिंता जताने वाले छात्रों को चुप कराने के लिए बाउंसर तैनात किए गए हैं। माउस काम नहीं कर रहा है और सिस्टम हैंग हो रहा है। हम इसी समस्या का सामना कर रहे हैं।” द हिंदू के रिपोर्ट के अनुसार विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने वालों में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) भी शामिल था जिसने आरोप लगाया कि पुलिस ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “यह सिर्फ़ परीक्षा कुप्रबंधन का मामला नहीं है, बल्कि सरकार न्याय की मांग कर रहे युवाओं को चुप कराने की कोशिश कर रही है।” छात्र संगठन ने एसएससी को एक पत्र भी सौंपा जिसमें उच्च स्तरीय जांच, विक्रेता की जवाबदेही और भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वे देश भर में विरोध प्रदर्शन तेज़ करेंगे।

 

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