वजीराबाद में एक प्राथमिक विद्यालय विभिन्न वर्गों में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग कर रहा है। इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस अखबार के पास 9 अक्टूबर तक के उत्तरी एमसीडी बॉयज स्कूल, वजीराबाद गांव, गली नंबर 9 के उपस्थिति रिकॉर्ड हैं, जिससे ये बात साबित होती है।
एमसीडी स्कूल केवल कक्षा 5वीं तक शिक्षा प्रदान करते हैं और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक अनुभाग में प्राथमिक स्तर पर 30 छात्र होने चाहिए।
हालांकि धर्म के आधार पर विद्यार्थियों को जानबूझकर अलग-अलग विभाग में करने के आरोप पर शिक्षक प्रभारी सी बी सिंह सहरावत ने इनकार किया है।
उन्होंने कहा, ‘वर्गों में फेरबदल मानक प्रक्रिया है जो सभी स्कूलों में होती है। यह प्रबंधन निर्णय था। स्कूल में शांति, अनुशासन और अच्छा सीखने का माहौल बनाने के लिए हम सबसे अच्छा प्रयास कर सकते हैं। कभी-कभी बच्चे लड़ते थे।
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से बच्चे इस उम्र में धर्म के बारे में नहीं जानते हैं, लेकिन वे कुछ चीजों पर तकरार करते हैं। कुछ बच्चे शाकाहारी हैं, इसलिए मतभेद हो सकते हैं। हमें सभी शिक्षकों और छात्रों के हितों की देखभाल करने की आवश्यकता है।’
सूत्रों के अनुसार, धर्म पर आधारित सेक्शंस में फेरबदल सहारावत द्वारा जुलाई में प्रभार संभालने के बाद शुरू हुआ। अकादमिक सत्र अप्रैल में शुरू हुआ। 2 जुलाई को प्रिंसिपल का ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके बाद एक शिक्षक को तब तक चार्ज दिया गया जब तक कि एक नया प्रिंसिपल पोस्ट नहीं किया जाता।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के उत्तर नगर निगम के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब यह हमारे नोटिस में लाया गया है, हम निश्चित रूप से इसके बारे में पूछेंगे। अगर आरोप सही हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
इस बारे में जानकारी मिलने पर बच्चों के माता-पिताओं ने भी चिंता जाहिर की है। उनका मानना है कि सभी बच्चे बराबर हैं। अगर स्कूल स्तर पर ही ऐसा है तो क्या होने जा रहा है। यह बहुत परेशान करने वाला है।