खबर लहरिया Blog Delhi Pollution and Supreme Court’s permission on firecrackers: दिल्ली में दिवाली से पहले बढ़ता प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की दी इजाजत 

Delhi Pollution and Supreme Court’s permission on firecrackers: दिल्ली में दिवाली से पहले बढ़ता प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की दी इजाजत 

एक ओर राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले एयर क्वालिटी खराब हो गई है। यहां का एक्यूआई 300 के पार हो गया और GRAP-I को लागू करने का आदेश दिया गया है। दूसरी ओर दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बैन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यहां ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत दे दी है। 

 आज से ठीक तीन दिन बाद दिवाली है। दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को लेकर बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध की शर्तों में ढील देते हुए 21 अक्तूबर तक ग्रीन पटाखों की इजाजत दे दी है। केंद्र और दिल्ली सरकार के संयुक्त अनुरोध को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध में राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सिर्फ नेशनल एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी है। बता दें 10 अक्तूबर को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखों के निर्माण में और बिक्री की अनुमति देने संबंधी याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा था कि क्या पटाखा बैन के बाद AQI पर कोई असर पड़ा था।

पटाखों के इस्तेमाल का समय 

दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली वाले दिन पटाखों का इस्तेमाल केवल सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही किया जा सकता है। ग्रीन पटाखों की ऑन लाइन सेल नहीं होगी

नियमों का उलंघन करने पर कार्यवाही का आदेश 

अदालत ने शर्तों के साथ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है। ये अनुमति 18 से 21 अक्टूबर तक के लिए है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा पर्यावरण के साथ समझौता किए बिना संयमित रूप से इसकी अनुमति देनी होगी।” मुख्य न्यायाधीश ने आदेश का मुख्य भाग पढ़ते हुए कहा, “पटाखों की दिल्ली-एनसीआर में तस्करी की जाती है और वे ग्रीन पटाखों से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।”

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस अवधि 21 अक्तूबर के बाद इन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा। वहीं नियमों के उल्लंघन करने पर निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

सुप्रीम कोर्ट की कुछ और शर्तें 

  1. पटाखों की बिक्री क‍िसी एक जगह होगी, डीएम वो जगह तय करेंगे। प्रचार के जर‍िये इसकी जानकारी दी जाएगी।
  2. द‍िल्‍ली पुल‍िस की विशेष टीमें तय करेंगी क‍ि सिर्फ क्‍यूआर कोड लगे पटाखे ही बेचे जाएंगे। इनके नमूने भी ल‍िए जाएंगे। पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं की जाएगी।
  3. द‍िवाली और उसके एक द‍िन पहले सिर्फ तीन घंटे ही पटाखे चलाने की अनुमत‍ि दी गई है। एक घंटा सुबह, दो घंटा शाम में।
  4. पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं के माध्यम से की जाएगी जो NEERI के साथ रज‍िस्‍टर्ड हैं।
  5. द‍िल्‍ली-एनसीआर में बाहर से पटाखे नहीं लाए जा सकेंगे। अगर कोई ऐसा करता मिला तो तुरंत एक्‍शन होगा।

दिल्ली CM रेख गुप्ता ने कहा – 

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया है.उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार के विशेष आग्रह पर राजधानी में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति प्रदान करने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभार। यह निर्णय दीपावली जैसे पवित्र पर्व पर जनभावनाओं और उत्साह का सम्मान करता है साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। दिल्ली सरकार जनभावनाओं का सम्मान करते हुए स्वच्छ और हरित दिल्ली के संकल्प के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य है कि त्योहारों की रौनक बरकरार रहे और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। इस दीपावली हम सब मिलकर ग्रीन पटाखों के साथ उत्सव और पर्यावरण संरक्षण का सामंजस्य स्थापित करें और ‘हरित एवं खुशहाल दिल्ली’ के संकल्प को साकार करें।

दिवाली से पहले दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण 

दिल्ली दिवाली पर हर साल होने वाले प्रदूषण के लिए तैयार है और एक बार फिर सबकी नज़र “ग्रीन पटाखों” पर है। हर साल दिवाली के बाद दिल्ली का प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि लोगों को घर से निकलने में सोचना पड़ जाता है। इतना ही नहीं प्रदूषण के कारण स्कूल और कॉलेज भी बंद करनी पड़ती है। लेकिन इस साल दिवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण काफी हद तक बढ़ा हुआ है। 

राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अब खराब श्रेणी में पहुंच रही है। 15 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता (AQI) 300 के पार दर्ज की गई। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 15 अक्टूबर 2025 को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चरण एक (GRAP-I) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया।  

फोटो साभार: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

दिवाली से पहले दिल्ली एनसीआर की हवा खराब 

राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली से पहले गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और बिगड़ गई। आनंद विहार जैसे इलाकों में सुबह 7 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 तक पहुँच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को बेहद खराब और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अधिकारियों के हवाले से बताया “दिल्ली की वायु गुणवत्ता 14 से 16 अक्टूबर तक ‘खराब’ श्रेणी में रहने की उम्मीद है।” रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इसके बाद AQI के खराब और ‘बेहद खराब’ के बीच रहने की उम्मीद है। “GRAP” का मतलब “ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान” है जो दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक योजना है

GRAP-1 के अंतर्गत क्या प्रतिबंधित है?

  • निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण सख्त है। 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली निजी परियोजनाओं को अनुमोदित धूल नियंत्रण योजनाओं के बिना आगे बढ़ने से रोक दिया गया है।
  • कचरा, बायोमास और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट सहित अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रतिबंध।
  • सड़क किनारे भोजनालयों और वाणिज्यिक रसोईघरों में कोयले या लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध।
  • डीजल जनरेटर का सीमित उपयोग, जब तक कि आवश्यक या आपातकालीन न हो।
  • यातायात पर अंकुश लगाने के लिए व्यस्त चौराहों पर कार्मिकों की तैनाती तथा लाल बत्ती पर वाहनों के इंजन बंद करने के निर्देश शामिल हैं।
  • प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध, उन्हें जब्त करने या भारी जुर्माने का प्रावधान।
  • पुराने वाहनों पर कार्रवाई: दिल्ली में 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
  • दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में संचालित प्रदूषणकारी उद्योगों और ताप विद्युत संयंत्रों के विरुद्ध कार्रवाई।

दिल्ली की खराब हवा 

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 14 अक्टूबर 2025 सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 211 दर्ज किया गया जो आज यानी वर्तमान समय तक और बढ़ने की संभावना है और ये खराब श्रेणी में आता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि सापेक्षिक आर्द्रता सुबह साढ़े आठ बजे 85 प्रतिशत दर्ज की गयी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51 से 100 के बीच “संतोषजनक”, 101 से 200 के बीच “मध्यम”, 201 से 300 के बीच “खराब”, 301 से 400 के बीच “बहुत खराब” और 401 से 500 के बीच “गंभीर” माना जाता है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की प्रतिक्रिया 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 15 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि अगर मौसम अनुकूल रहा, तो सरकार आने वाले दो-तीन दिनों में क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम वर्षा कराएगी। यह घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार जाने पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-1) के पहले चरण के तहत प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद की गई है।

दिवाली से पहले दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण की गिरफ्त में है। राजधानी का एक्यूआई 300 के पार पहुंच चुका है जिससे हवा खराब की श्रेणी में दर्ज की गई है। इसके चलते GRAP-1 के तहत निर्माण कार्यों और प्रदूषण फैलाने वाले साधनों पर सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की सीमित अनुमति दे दी है।

यह स्थिति एक दोहरे विरोधाभास को बया करती है एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर कोर्ट की तरफ से पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है भले ही वो ग्रीन पटाखे हों। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या त्योहार और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन सच में बन पा रहा है? सरकारें और नागरिक अगर मिलकर सतर्कता नहीं बरतते तो हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के बाद दिल्ली की हवा और ज्यादा दमघोंटू हो सकती है। 

 

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