महोबा जिले में कोतवाली में तैनात एक दरोगा ने 3 जनवरी 2020 को फांसी लगने से एक दरोगा की मौत हो गई थी। इसकी सूचना मिलते ही महोबा सीओ सहित एसपी मौके पर पहुँचे।
शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में मृतक दरोगा के परिवार वालो ने बताया कि उसके मां की तबियत खराब थी, छुट्टी न मिलने के कारण वह परेशान रहता था।मानसिक हिंसा का शिकार होती महिलायें देखिए जासूस या जर्नलिस्ट में
जिसके चलते उसने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जब कि पुलिस इस मामले को जांच का विषय बना कर टाल रही है। मृतक दरोगा के जीजा ने बताया कि उनकी माँ की तबियत कई दिनों से बहुत खराब थी, और वो छुट्टी मांग रहे थे, ताकि अपनी माँ का इलाज करवा सके, पर उन्हें छुट्टी नही मिली और उनका ट्रांसफर महोबा से इलाहाबाद कर दिया, जिससे वह कई दिनों से परेशान रहते थे।
इसी वजह से उन्होंने फाँसी लगा कर आत्महत्या कर ली है, जैसे ही यह ख़बर उनकी माँ को मिली तो सदमा लगने से उनकी भी मौत हो गई। जब कि पुलिस इस मामले को जांच विषय कहके टाल दिया। जब हमने इस मामले को दुबारा से फॉलो किया और लोगो से गोपनीय तरीके से बात की तो मामला कुछ और ही निकल कर आया। माँ बीमार थी, छुट्टी न मिलना एक कारण हो सकता है, पर जो सबसे चौकाने वाली बात निकल कर आई वह यह है कि जिस दरोगा ने फांसी लगाई थी वह कोतवाली के मालखाना के इंचार्ज थे। जितना समान उन्होंने इंचार्ज के समय सौंपा गया था वह पूरा नही था। और उनका ट्रांसफर भी हो गया।
उन्हें डर था की अगर वह पूरा समान नही वापस करेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी और नौकरी चली जायेगी, क्योंकि उनकी नौकरी के कुछ ही समय बचे थे। कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि उनकी नौकरी के कुछ पल बचे होने के कारण ही उन्होंने यह जानबूझ कर कदम उठाया है ताकि वह नौकरी परिवार में किसी और को मिल सके।
सवाल ये उठ रहा है की आखिर पुलिस की जांच में अभी तक आया क्या है। क्या है दरोगा के आत्महत्या की कहानी, क्या सच मे दरोगा छुट्टी न मिल पाने के कारण आत्महत्या की है या कोई और कारण है। क्या परिवार में नौकरी मिलने की वजह से आत्महत्या की है या कानूनी कार्यवाही के डर से। दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भारी कहानी, देखने के लिए चैनल अभी सब्सक्राइब करिये, वीडियो को लाइक और शेयर न भूलिए, अभी के लिए इतना ही अगले एपिसोड में फिर मिलते है नई जासूसी भारी कहानी के साथ।