यूपी में इस समय पेट्रोल की कीमत 105.21 ₹ प्रति लीटर व डीज़ल की 96.78 ₹ प्रति लीटर है।
पिछले कई दिनों में सरकार द्वारा पेट्रोल-डीज़ल के दाम लगातार बढ़ाये गए हैं। 1 फरवरी 2022 को जब केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2022 पेश किया गया, उसमें भी मध्यमवर्गीय लोगों के लिए कोई आराम नहीं था। अब लगातार पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों ने लोगों की जेबें ढीली करके रखी हुई हैं।
यूपी की जनसंख्या 243.4 मिलियन है। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष साल 2019 में यूपी में दो-वीहलर स्कूटर्स – 3,082.05, मोपेड- 914.73, मोटरसाइकिल – 22,600.22 रजिस्टर हुए। साल 2019 तक कुल मिलाकर 32.7 मिलियन दो-वीहलर रजिस्टर हुए हैं। बढ़ती जनसंख्या की वजह से यातायात के साधन अधिक मात्रा में खरीदे गए। जिसके परिणामस्वरूप डीज़ल-पेट्रोल की मांग भी ज़्यादा बढ़ी।
ये भी देखें – Budget 2022 : टैक्स बढ़ा, योजनाएं शुरू हुईं पर मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं
यूपी में पिछले 10 दिनों में बढ़े डीज़ल के दाम
7 अप्रैल, 2022 96.78 ₹ प्रति लीटर
6 अप्रैल, 2022 96.90 ₹ प्रति लीटर
5 अप्रैल, 2022 95.98 ₹ प्रति लीटर
4 अप्रैल, 2022 95.18 ₹ प्रति लीटर
3 अप्रैल, 2022 94.78 ₹ प्रति लीटर
2 अप्रैल, 2022 93.98 ₹ प्रति लीटर
1 अप्रैल, 2022 93.18 ₹ प्रति लीटर
31 मार्च, 2022 93.18 ₹ प्रति लीटर
30 मार्च, 2022 92.37 ₹ प्रति लीटर
29 मार्च, 2022 91.57 ₹ प्रति लीटर
ये भी देखें – छतरपुर: हार्वेस्टर के ज़माने में महंगाई ने हाँथ से कटाई करने को किया मजबूर
यूपी में पिछले 10 दिनों में बढ़े पेट्रोल के दाम
7 अप्रैल, 2022 105.21 ₹ प्रति लीटर
6 अप्रैल, 2022 105.34 ₹ प्रति लीटर
5 अप्रैल, 2022 104.41 ₹ प्रति लीटर
4 अप्रैल, 2022 103.61 ₹ प्रति लीटर
3 अप्रैल, 2022 103.22 ₹ प्रति लीटर
2 अप्रैल, 2022 102.41 ₹ प्रति लीटर
1 अप्रैल, 2022 101.62 ₹ प्रति लीटर
31 मार्च, 2022 101.62 ₹ प्रति लीटर
30 मार्च, 2022 100.82 ₹ प्रति लीटर
29 मार्च, 2022 100.02 ₹ प्रति लीटर
(स्त्रोत – इकोनॉमिक टाइम्स)
यूपी में आज तक सबसे ज़्यादा व सबसे कम पेट्रोल की कीमत
स्टैटिस्टा की साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में सबसे ज़्यादा पेट्रोल की कीमत 1 सितंबर 2013 में 81.13 रूपये प्रति लीटर दर्ज़ की गयी थी। वहीं सबसे कम मीमत 1 मई 2013 में 69.24 रूपये प्रति लीटर दर्ज़ हुई थी।
ये भी देखें – पन्ना: महंगाई के चलते किसानों ने किया खेती में बदलाव
बढ़ती महंगाई और ग्रामीण
बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीज़ल की ऊँची होती कीमतों को लेकर हमने चित्रकूट जिले के कुछ लोगों से बात की। पतेरिया गांव की सांवरिया बताती है कि ऑपरेशन कराने के लिए इस समय वह शंकरगढ़ जा रहीं हैं। एक समय था जब 10 रूपये किराया लगा करता था लेकिन आज आने-जाने में हज़ार रूपये तक किराया लग जाता है।
वह खेती-किसानी करने वाले गरीब लोग हैं। साइकिल या पैदल चलकर वह इतना लंबा सफ़र तय नहीं कर सकते। पेट्रोल-डीजल इतना महंगा हो गया है कि एक बार जाना भी मुश्किल होता है लेकिन मज़बूरी है तो लोग जाते हैं। उन्हें लगा था कि शायद चुनाव के बाद महंगाई कम होगी पर वह तो और भी ज़्यादा बढ़ गयी।
राजा के पास थ्रेशर है जिसे कतराई मशीन भी कहते हैं। यही मौसम होता है जिसमें उनकी कमाई होती है लेकिन पेट्रोल महंगा होने की वजह से कतराई भी महंगी हो गयी है। अब मशीन चलाने के लिए इंजन में तेल डालना भी ज़रूरी है। अब क्यूंकि पेट्रोल-डीज़ल महंगा हो गया है तो उन्हें उस हिसाब से कतराई का दाम भी ज़्यादा करना पड़ा। ऐसे में उनके ग्राहक कम हो गए हैं और उनके रोज़गार पर भी बहुत असर पड़ा है।
किसान राजकिशोर के अनुसार वह अपने खेतों की मड़ाई बैल-गाय से ही करते हैं क्यूंकि मशीन से करवाएंगे तो आधे से ज़्यादा पैसे तो देने में ही चले जायेंगे।
यह कहा जा रहा है क्यूंकि वैश्विक स्तर में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं तो आगे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में और भी उछाल देखा जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि आगे भी मध्यमवर्गीय लोगों व गरीब वर्ग के लोगों को सबसे ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग सहोदरा द्वारा की गयी है।
ये भी देखें – अम्बेडकर नगर: “महंगाई तो दोगुनी हो गई, लेकिन लूम चलाने की मज़दूरी आज भी राई भर” l UP Elections 2022