गलवान घाटी में चीन और भारत की सेनाओं के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। चीन की तरफ से खतरा सिर्फ सीमा पर ही नहीं बना हुआ है, बल्कि चीन साइबर अटैक करके भी भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी हैकरों ने पिछले 5 दिनों में 40,000 बार साइबर अटैक करने की कोशिश की है। हालांकि चीनी हैकर्स अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए। यह हमले भारत की महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटों के अलावा आम जनता से जुड़ी सेवाओं पर भी किए जा रहे हैं।
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार चीनी साइबर हैकरों ने भारतीय लोगों के व्हाट्सएप और मैसेज बॉक्स में एक मेसेज भेज रहा है, जिसमें कोरोना का टेस्ट बिल्कुल मुफ्त कराए लिखा होता है। मैसेज के नीचे एक लिंक दिया जाता है, जिसे ओपेन करने पर हैकर्स तुरंत साइबर अटैक कर देता है।
चीन के इस हरकत में के बाद सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई है, सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इस तरह के मैसेज अगर आता है तो, उसे ओपेन न करें। मैसेज को डिलिट कर तुरंत नंबर ब्लॉक कर दें। वरना आप भी साइवर हमले के शिकार हो सकते हैं।
बता दें कि चीनी हैकर्सों के निशाने पर रेलवे और बेंक सबसे ज्यादा है। रेलवे इस संबध में पहले ही सतर्कता जारी कर चुकी है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट इस की मालवेयर हमला की जानकारी देते हुए कहा की रेलवे के इंजीनियर इस तरह के हमले से निपटने के लिए लगातार कार्य करते रहते हैं। इसके लिए हम सभी जरूरी सावधानियां बरतते रहते हैं और इस तरह से डेटा चोरी को रोकने के लिए फायरवॉल को अपडेट करते रहते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अब साइबर अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. साइबर क्रिमनल हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं। कोरोना काल में फ्री में टेस्ट कराने की लालच में लोग इस झांसे में आ सकते हैं। हो सकता है आपके मोबाइल पर फ्री कोरोना टेस्ट का मेसेग आये जिसमे कोई लिंक दिया गया हो, और आपके उस लिंक पर क्लिक करते ही आप एक जरिया बन जाए चीन के लिए हमारे तक पहुचने का, लोगों के मोबाइल पर आने वाले इस मैसेज को देखने के बाद एजेंसियों ने चेताया है। भारत में साइबर अटैक करने वालों में से ज्यादातर हैकर्स चीन के सिचुआन क्षेत्र में मौजूद हैं। सिचुआन को चीन की सेना के साइबर वारफेयर विंग का हेडक्वॉर्टर बताया जाता है। हालांकि, अभी तक ये बताया जाना मुश्किल है कि इस तरह के साइबर अटैक चीन की सरकार के इशारे पर किया जा रहा है या फिर चीन के साइबर हैकर्स इस मामले को अंजाम दे रहे हैं।