कोरोना देश में फिर से अपना पैर पसार रहा है जहाँ कुछ जगहों में डॉक्टर और नर्स भी हुए संक्रमित, एम्स और नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टरों से पता लगा कोरोना के रोकथाम और इसके लक्षण।
रिपोर्ट – सुमन, लेखन – रचना
साल 2020 और20 22 में पहला कोरोना महामारी शुरू हुआ था उसी दौरान दुनिया में तबाही मचाने के बाद कोरोना धीरे – धीरे फिर से देश में वापस आ रहा है। पिछले हफ़्ते से देश के अलग-अलग राज्य जैसे महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात,उत्तर प्रदेश, दिल्ली में कोरोना के कई केस दर्ज हुए हैं। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में चार डॉक्टर और दो नर्स भी कोरोना से संक्रमित हुए। हालाँकि, सरकार के अनुसार फिलहाल भारत में इससे कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह नया वैरिएंट क्या है और यह बाकियों से किस तरह अलग है और आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसके बारे में चलिए जानते हैं।
क्या है नए वैरिएंट
COVID-19 के मामलों में हालिया उछाल (JN.1) जे.एन.वन. वैरिएंट के कारण देखा जा रहा है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन BA.2.86 का ही एक हिस्सा है जो काफ़ी समय तक दुनिया भर में फैला था। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं जिससे इसकी संक्रमण क्षमता अधिक मानी जा रही है। हालांकि अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।
फिर से क्यों बढ़ रहा है कोविड?
कोविड-19, का मुख्य कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना है। जिसे प्रतिरक्षा संकुचन के रूप में जाना जाता है। जब एंटीबॉडी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जाता है, जिससे लोग फिर से संक्रमित हो जाते हैं, भले ही वे पहले संक्रमित हो चुके हों या टीका लगवा चुके हों। एक अन्य कारक अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में वृद्धि भी है।
क्या है कोरोना के नए लक्षण ?
कोरोना के सामान्य लक्षण बुखार, सर्दी, गले का सूखना, खाने में स्वाद नहीं आना, सिर दर्द, आदि थे। लेकिन अब कोरोना के नए वैरिएंट में इनके अलावा और कई लक्षण सामने आया है। एनडीटीवी के रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एम्स अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत के अनुसार इस बार कोरोना शरीर में कम असर कर रहा है इससे डरने की जरुरत नहीं है लेकिन इसके लक्षण काफी अलग दिखाई दे रहा है, जैसे- तेज बुखार, गले का सूखना, दस्त होना, उल्टी होना, चक्कर आना, शरीर में दर्द, सुखी सर्दी का होना आदि।
कोरोना से सावधानियाँ
भीड़भाड़ वाली जगहों पर या घर के अंदर मास्क पहनना, खासकर तब जब आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हों। हाथों को बार-बार धोकर अच्छी तरह से साफ रखना। तथा संक्रमित होने पर परिवार और दोस्तों में फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना और खुद को अलग रखना। विशेषज्ञ वायरस के मौजूदा व्यवहार की तुलना मौसमी फ्लू से करते हैं, यह सुझाव देते हुए कि कोविड-19 समय-समय पर आने वाली बीमारी बन सकती है। टीके गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में प्रभावी रहते हैं, भले ही वे हमेशा संक्रमण को पूरी तरह से न रोक पाएं।
पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉक्टर से बातचीत
पटना जिले के एनएमसी एच यानी नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जो पटना के अगम कुआं पर मौजूद है यह एक सरकारी और बड़ा हॉस्पिटल है। यहां पर अलग-अलग जगह से लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं, ज्यादातर यहां पर मरीज ग्रामीण क्षेत्र के होते हैं। इस हॉस्पिटल में सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है जिसके चलते हॉस्पिटल का नाम लगभग हर क्षेत्र पर रहने वाला व्यक्ति जानता है। आसपास में किसी भी गांव का कोई एक्सीडेंट हो जाए या कोई हादसा हो जाए तो व्यक्ति की बॉडी बस (एंबुलेंस) पर ही आती है। यहां पर रोजाना हजारों मरीज से ऊपर दिखाने के लिए आते हैं और उनका इलाज किया जाता है। यहां पर हर चीज की व्यवस्था है।
ब्लड टेस्ट की जांच पर पता चला कोरोना
एनएमसीएच की अधीक्षक रश्मि प्रसाद जो की एक महिला है ने खबर लहरिया के रेपोर्टर का कार्ड देखा और बोला कि 10 मिनट वेट करो फिर जब 10 मिनट के बाद अंदर गए तो मैडम ने 5 कुर्सी छोड़कर बैठने को कहा और बोला वहीं पर बैठ जाइए फिर बातचीत किया फिर उन्होंने बताया कि हमारे हॉस्पिटल पर रोजाना हजार से ऊपर पेशेंट आते हैं जिसको देखकर कभी नहीं लगता था कि कुछ होगा। कुछ ऐसे पेशेंट थे जिससे हमको ऐसा लगा कि इनकी कोरोना जांच होनी चाहिए जिससे पता चले कि शायद इन्हें कोरोना हो तो हमने 4 पेशेंट का कोरोना जांच के लिए भेज दिया। जिसमें से दो पेशेंट कोरोना के मरीज निकले।
एक पेशेंट मेडिकल विभाग में आया था दिखाने के लिए और एक पेशेंट अपनी आंख दिखाने के लिए आया था उनको हल्की खांसी और जुकाम था जिसके लिए हमने उन्हें घर पर बेड रेस्ट के लिए बोला है कि उन्हें घर पर ही रहना है बाहर नहीं जाना है जो भी नियम होते हैं कोरोना के वैसे ही उनको सारे नियमों के पालन करने हैं और फिर आकर के यहां पर चेकअप करवाना है।
आगे मैडम बताती हैं कि वैसे तो आज भी एक पेशेंट आया था और उसको भी कोरोना था लेकिन यही जुकाम और बुखार था तो मैंने उसको भी घर भेज दिया है इतनी बड़ी नहीं है, लेकिन बीच-बीच में ऐसे पेशेंट आ रहे हैं जिसको देखते हुए हमने अपने हॉस्पिटल पर कम से कम 100 बेड का इंतजाम कर लिया है। अगर कोई गंभीर रूप से पाया जाएगा तो उसका ऑपरेशन के लिए भी हमने पूरा तैयारी कर रखी है। इसको देखते हुए क्योंकि एम्स हॉस्पिटल पर दो डॉक्टरों को कोरोना हो गया है और वहां पर चार पेशेंट भी हैं जिसमें से अभी एक पेशेंट हमें लगता है कि अभी हॉस्पिटल पर ही भर्ती है इसलिए हमने अपने हॉस्पिटल पर सतर्कता बढ़ा दी है।
अस्पताल के बाहर का नजारा
अस्पताल के बाहर मैंने देखा की दुकानों पर मास्क बिकना शुरू हो गए हैं जो कि पहले बिकते थे जो डॉक्टर लगा के रखते हैं वैसे मार्क्स जरूरत से ज्यादा दुकानों पर बिकना शुरू हो गए हैं। अस्पताल के बाहर पानी की पूरी व्यवस्था रख दी गई है। गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। लोगों में डिस्टेंस बनाने के लिए बोला गया है जो मुझे दिख रहा था। मैंने यह भी देखा कि हर डॉक्टर या नर्स बिना मास्क लगाए एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। चाहे वह कोई काम कर रहे हो अथवा ना कर रहे हैं पेशेंट जो अंदर से बाहर निकल रहे थे या जो लोग सिर्फ दावा करने के लिए अंदर गए थे और बाहर आ रहे थे वह लोगों ने भी मास्क लगा रखा था। बिना मास्क के कोई भी अस्पताल के अंदर से बाहर नहीं आ रहा था।
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