यूपी पुलिस ने कोडीन आधारित कफ सिरप के बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार के आरोप में 12 मेडिकल स्टोर मालिकों और दो अन्य पर मामला दर्ज किया है। आरोप है कि ये लोग प्रतिबंधित दवाओं की गैर-कानूनी बिक्री में शामिल थे। द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार इसकी जानकारी अधिकारियों ने रविवार 23 नवंबर, 2025 को दी।
दूषित कफ सिरप (ख़ासी ठीक करने वाली दवा) की वजह से बच्चों की मौत के मामले मध्य प्रदेश और राजस्थान से सामने आए थे जिसकी वजह से देश में अवैध कफ सिरप को लेकर जाँच और प्रतिबंध के आदेश दिए गए थे। कफ सिरप को लेकर अब सरकार काफी सतर्क हो गई है इसका उदाहरण यूपी में हुई जांच में सामने आया है।
जाली दस्तावेजों के माध्यम से बेचीं गई कोडीन सिरप
औषधि विभाग की जांच में पाया गया कि लगभग 57 करोड़ रुपये मूल्य की कोडीन सिरप की 37 लाख से अधिक बोतलें एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोरों द्वारा जाली दस्तावेजों के माध्यम से बेची गईं थी। इस बड़े व्यापार का खुलासा तब हुआ जब गाजियाबाद में सिरप ले जा रहे एक ट्रक को जब्त किया गया। पुलिस अधीक्षक (नगर) आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर रजत कुमार पांडे की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
दूसरे राज्यों में भी भेजी गई दवा
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार रांची में एक फर्म से मिले कागजों से पता चला कि यह कोडीन सिरप उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भेजी गई थी, लेकिन वास्तव में इसे अवैध बिक्री के लिए बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में तस्करी कर भेजा गया था।
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कफ सिरप रैकेट के मुख्य आरोपी पर मामला दर्ज
आरोपियों में कथित मास्टरमाइंड माने जाने वाले शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद शामिल हैं, जिन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। वाराणसी को केंद्र बनाकर, इस रैकेट के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और उसके पिता ने 2023 से 2025 के बीच 100 करोड़ रुपये मूल्य की 89 लाख बोतलें सिरप की आपूर्ति की थी। एफएसडीए आयुक्त रोशन जैकब के नेतृत्व में तीन दिवसीय विशेष अभियान के बाद, रैकेट में शामिल 31 में से 28 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं।
मेरठ, गाजियाबाद और सोनभद्र में कफ सिरप जब्त
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 3 नवंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के मेरठ रोड में एक गोदाम से 3.4 करोड़ रुपये से ज़्यादा कीमत के कफ सिरप से लदे चार ट्रक ज़ब्त किए गए। 18 नवंबर को सोनभद्र पुलिस ने कोडीन-आधारित सिरप ले जा रहे दो ट्रक ज़ब्त किए और गाजियाबाद के गोदामों तक सप्लाई चेन का पता लगाया, जिसके बाद जाँच शुरू हुई। सौरव त्यागी और संतोष भड़ाना नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया।
वाराणसी में भी कफ सिरप की सप्लाई
वाराणसी की ड्रग इंस्पेक्टर ज़ुनब अली ने कहा, “हमें मुख्यालय से एक सूची मिली थी जिसमें बताया गया था कि झारखंड की एक कंपनी शैली ट्रेडर्स द्वारा वाराणसी की विभिन्न कंपनियों को फेंसेडिल कफ सिरप की आपूर्ति (सप्लाई) की जा रही है… हमने 26 कंपनियों की जांच की और हमें कोई स्टॉक नहीं मिला, इसलिए हमने उनसे रिकॉर्ड मांगे… हमने इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की ताकि पता लगाया जा सके कि क्या इस कफ सिरप का दुरुपयोग किया जा रहा है… पुलिस जांच कर रही है…”
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: Ghaziabad Commissionerate Police has sent a letter to the Union Home Ministry to issue a lookout notice for the arrest of Shubham Jaiswal, the main accused in the smuggling of banned cough syrup in different parts of the country.
Drug Inspector,… pic.twitter.com/kfhPf0lPkC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 16, 2025
मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से हुई 21 बच्चों की मौत
कफ सिरप की चर्चा मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से हुई 21 बच्चों की मौत से शुरू हुई थी। इसके बाद ‘कोल्ड्रिफ’ बनाने वाली कंपनी के मालिक को अरेस्ट कर लिया गया है। आरोप है कि इस जहरीली दवा के पीछे तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स है। उसके मालिक का नाम जी. रंगनाथन है। उन्हें 9 अक्टूबर 2025 को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया।
राजस्थान में भी कथित तौर पर सरकारी अस्पताल से मिली कफ़ सिरप पीने के बाद भरतपुर और झुंझुनू ज़िलों में दो बच्चों की मौत हुई थी।
डॉक्टरों का कहना है कि 6 साल तक के बच्चों में साधारण खांसी अक्सर बिना दवा के 1–2 हफ्तों में ठीक हो जाती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप छोटे बच्चों को नहीं देना चाहिए। इसी बात को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रेस रिलीज में भी कहा है।
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