यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) में हाल ही में एक नये तरह का वायरस पाया गया है, जिसे वैज्ञानिकों ने म्युटेशन नाम दिया है। जिसका कोड B.1.1.7 रखा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार अभी भी नये वायरस के बारे में बहुत सी चीजें अज्ञात हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नये तरह का वायरस काबू से बाहर है।
नये वायरस के आने से कोविड-19 को लेकर लोगों में और भी ज़्यादा चिंता देखने को मिल रही हैं। ब्रिटेन में नये तरह के म्युटेशन वायरस के आने के बाद फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। साथ ही एक देश से दूसरे देश मे जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने नये वायरस को लेकर की बैठक
आज दिसंबर 21, 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नये तरह के म्युटेशन वायरस के संक्रमण को लेकर ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक बैठक बुलाई थी। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार इस नये टाइप के खतरे को लेकर अलर्ट है।
वहीं आज ही सोमवार को इंडियन साइंस फेस्टिवल के दौरान मीडिया द्वारा नये तरह के वायरस को लेकर सरकार पर कई सवाल उठाए गए। जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “सरकार हर बात के लिए पूरी तरह सजग है और जैसे पिछले 1 साल में आपने देखा कि सरकार ने जरूरत के अनुसार जनता के हितों की रक्षा करने के लिए जो भी जरूरी था, वह सब किया। वो सारी चीजें सरकार देख रही है लेकिन अभी अगर आप मुझसे पूछें तो इतना पैनिक करने का कोई कारण नहीं है।“
यह है ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री का कहना
20 दिसंबर, 2020 रविवार को ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि “नया स्ट्रेन संक्रमण के मामले नियंत्रण से बाहर है“। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इंग्लैंड के कई हिस्सों में वायरस के नये स्ट्रेन के मिलने की पुष्टि भी की थी। पिछले कुछ समय में ब्रिटेन में कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़े हैं, जिसके बाद लगभग 31 फीसदी जनता फिर से लॉकडाउन में चली गई है।
आवाजाही हुई बंद
New mutation of corona virus has emerged in UK, which is a super-spreader.
I urge central govt to ban all flights from UK immediately.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 21, 2020
नये तरह के वायरस के आने के बाद कई देशों ने सुरक्षा की दॄष्टि से ब्रिटेन आने–जाने वाले हवाईजहाज और यातायात को कुछ समय के लिए बैन कर दिया है। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक ट्वीट पर सरकार को ब्रिटेन से आने वाले हवाईजहाज पर रोक लगाने को कहा।
इस समय आया था नये वायरस का पहला मामला
ब्रिटेन सरकार के अनुसार नये वायरस का पहला मामला सितंबर में मिला था। जिसकी जानकारी सरकार को दिसंबर 11, 2020 को दी गयी थी। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नये वायरस को 70 फीसदी ज़्यादा संक्रामक बताया। उन्होंने कहा कि यह वायरस इंग्लैंड के हर हिस्से में है, लेकिन कम मात्रा में। स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने बताया कि नये वायरस के मामले ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में भी मिले हैं।
नये वायरस को लेकर यह है वैज्ञानिक सलाहकार का कहना
सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने दिसंबर 19, 2020 शनिवार को बताया था कि नये वायरस में पुराने कोरोना वायरस से 23 अलग भिन्नताएं हैं, जिसमें इंसानों की कोशिकाओं में घुसने और इससे जुड़ने की प्रक्रिया शामिल है। सेलुलर माइक्रोबायोलॉजी एट द यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में असोसिएट प्रोफेसर साइमन क्लार्क ने बताया कि नया म्यूटेटेड स्ट्रेन ‘स्पाइक प्रोटीन‘ को प्रभावित करता है, जो वायरस को कवर करता है और वैक्सीन को निशाना बनाता है। उन्होंने बताया कि स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन की वजह से हुए बदलाव को देखें तो ऐसा नहीं लगता है कि इससे वैक्सीन के प्रभाव पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।
इस तरह से बनता है कोरोना का नया स्ट्रेन
वायरस अक्सर अपने अनुवांशिक कोड में एक या दो लेटर के बदलाव से बदल जाते हैं। यह परिवर्तन की बेहद सामान्य प्रक्रिया है। हल्का सा बदला हुआ स्टेन किसी एक देश या इलाके में बेहद आम हो सकता है क्योंकि वह वहीं बना या ‘सुपर स्प्रेडर‘ इवेंट्स के जरिए फैला। ज्यादा सोचने की बात तब होती है जब वायरस अपनी सतह के प्रोटीन्स में बदलाव करके म्यूटेट होता है क्योंकि फिर यह पाचन क्रिया या दवाओं से बच जाता है।
नये वायरस में होते हैं परिवर्तन
जब चीन के वुहान शहर में कोविड-19 के लक्षण देखे गए तब से आज तक इसमें कई बदलाव आए हैं। इंडिया टुडे की दिसंबर 21, 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि शुरू में नए वायरस B.1.1.7 ( म्युटेशन) में अनुवांशिक तौर पर बड़ी मात्रा में परिवर्तन देखे गए। विशेष रूप से यह बदलाव स्पाइक प्रोटीन में देखने को मिलते हैं, जो अक्सर इस बात के लिए ज़िम्मेदार होता है कि वायरस मानव कोशिका के साथ कैसे संपर्क करता है।
ब्रिटिश सोसाइटी फ़ॉर इमयूनोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर पीटर ओपनशॉ ने कहा कि “नये वायरस को गंभीरता से लेना जरूरी है। हालांकि, 30,000 न्यूक्लिओटाइड्स में से अनुवांशिक कोड में सिर्फ 23 परिर्वतन होते हैं। लेकिन म्युटेशन वायरस 40 से 70 प्रतिशत ज़्यादा संक्रामक है।“
कोरोना वायरस से विश्व तकरीबन एक साल से ग्रसित है। साथ ही अब कोरोना की वैक्सीन आने के बाद लोगों ने राहत ली भी नहीं थी कि ब्रिटेन के नये वायरस ने लोगों में फिर से हलचल मचा दी है। हालांकि, भारत मे इस नये वायरस के कोई भी लक्षण नहीं पाए गए है। साथ ही, सरकार इस बार अन्य किसी भी वायरस से लड़ने के लिए पहले से तैयारी करते हुए दिख रही है।