कोरोना का कहर रक्षक भी पुलिस, भक्षक भी पुलिस देखिए जासूस या जर्नलिस्ट : लॉक डाउन के चलते हैं पूरा देश बंद है लोगों से अपील की जा रही है कि लोग घर में रहे, पर यह अपील आम जनता के लिए हिंसा में भी बदलती नजर आ रही हैं जी हां तो हम इस हिंसा के बारे में आपको बताएंगे उसके लिए आप हमारे चैनल सब्सक्राइब करिये, और पूरा वीडियो देखने के लिए बने रहे हैं मेरे साथ जासूस या जर्नलिस्ट पर।
लॉक डाउन का लोग पालन आराम से कर रहे है, पर अगर जरूरत की चीजें आपको लेना है तो सावधान हो जाइए, आप बाहर नहीं जा सकते। अगर गए तो पुलिस के हिंसा के शिकार हो सकते है। या फिर आपके ऊपर मुकदमा भी लिखा जा सकता है।
सरकार भले ही इस बीमारी से बचने के लिए लॉक डाउन जैसे उपाय अपना रही हो, पर इससे आम जनता बहुत हिंसा का शिकार हो रही है। काम बंद होने की वजह से लोग भुखमरी की कगार में आ गए है, रुपये न होने और साधन न चलने के कारण लोग पैदल अपने घर पहुँच रहे है। पर पुलिस रास्ते में उनके ऊपर लाठीचार्ज कर रही है। वेवजह के ही लोगो को भूखा स्कूलों में बंद किया जा रहा है।
सरकार के आदेशानुसार प्रशासन सब्जी और राशन तो दे रही है पर इसके अलावा अगर आपको कोई वस्तु चाहिए तो आप नही जा सकते हैं। अगर गये तो पहले पुलिस की गलियां और हिंसा सहो बाद में आपको कोई वस्तु मिलेगी। ऐसा हम नही कह रहे हैं बल्कि खबरे और वीडियो वायरल हो रही है।
जी हा बाँदा जिले में 2 अप्रैल को जब लोग अपने परिवार का पेट चलाने के लिए बैंक से रुपये निकालने गए तो पुलिस ने उनके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। जब वहां पर मौदूज हमारी रिपोर्टर ने इसका वीडियो बनाने की कोशिश की तो उनके ऊपर की लोगो की भीड़ लगाने का आरोप लगाया गया।
इतना ही नही जन ज्वार चैनल में एक रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर के एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। कारण इतना था कि वह गेंहू पिसवाने के लिए चक्की गया हुआ था। जिससे वह पुलिस की मारपीट से अधमरा हो गया था। मरने से पहले उस युवक ने एक ऑडियो वायरल किया था, जिसमे उसने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम लिए है।
सवाल यह उठ रहे हैं कि पुलिस ऐसे कैसे कर सकती है, पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या हिंसा के लिए।
पुलिस का यह रवैया आम जनता के लिए भारी पड़ रहा है। जितना डर लोगों को कैराना वायरस की बीमारी का नहीं है उतना तो दहशत लोगों के मन में पुलिस की भरी हुई है। सरकार इस बीमारी से लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है या बिना खाना देकर जानवरों की तरह व्यवहार कर लोगों की जान ले रहे हैं।
लॉक डाउन की वजह से ना तो लोग अस्पताल में इलाज के लिए जा पा रहे, न ही लोगों को इमरजेंसी चीजे मिल रही है।
तो दोस्तो आपको इस लॉक डाउन के बारे में क्या लग रहा है। पुलिस के ब्यवहार को लेकर क्या सवाल है, आपको हमारा यह एपिसोड कैसा लगा हमे कॉमेंट कर जरूर बताएं। हमे वीडियो को लाइक और शेयर करना न भूले। नमस्कार