ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है जिससे साबित हो कि फिटकरी का पानी पीने से या इससे कुल्ला करने से कोरोना ठीक होता है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से कोरोना मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में सोशल मीडिया पर इससे बचाव और इसे ठीक करने के कई नुस्खे भी वायरल हो रहे हैं. कई लोग सोशल मीडिया पर फिटकरी के फायदे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि फिटकरी ( इसे आमतौर पर पानी को साफ़ करने या त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है। इसी के हिसाब से अलग-अलग तरह से इसका उपयोग किया जाता है।) से कोरोना से बचाव होगा और अगर कोरोना हो भी गया है तो इसका पानी पीने से ठीक हो जाएगा.
हालांकि, हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है. अभी तक ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है जिससे साबित हो कि फिटकरी का पानी पीने से या इससे कुल्ला करने से कोरोना ठीक हो जाता है.
दावा
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने फिटकरी के फायदे गिनाते एक वीडियो को शेयर किया है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है: ”एक वस्तु जो तुम्हारे परिवार को कोरोना से बचाव करेगी”.
वीडियो में कहा जा रहा है कि “खाने के बाद एक गिलास पानी में फिटकरी डालकर 7 से 8 बार हिलाएं और उस पानी से कुल्ला करें, इससे कोरोना से बचाव होगा और अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो भी इस पानी को पीने से ठीक हो जाएंगे.”
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने इस दावे का सच जानने के लिए, डॉ. चंद्रकांत लहारिया, जन नीति और स्वास्थ्य तंत्र विशेषज्ञ, नई दिल्ली से बात की. उन्होंने क्विंट को बताया कि दुनिया के किसी भी हिस्से में अभी तक कोरोना का कोई प्रमाणित इलाज नहीं मिला है. वैज्ञानिक आधार फिटकरी में ऐसा कुछ नहीं होता जिससे कोरोना ठीक हो. इस बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है और न ही ये वैज्ञानिक तौर पर ये बात लॉजिकल लगती है.
किसी भी पद्धति को तभी इलाज कहा जाता है जब उसे वैज्ञानिक आधार पर जांचा परखा जाता है. इसलिए, बिना किसी रिसर्च के किसी चीज को इलाज कहना गलत है और ये घातक हो सकता है. इस तरह के दावों से लोगों को इसलिए भी नुकसान हो सकता है क्योंकि इन पर विश्वास करके वो कोविड से संबंधित सावधानियां बरतनी बंद कर देते हैं. इससे बीमारी गंभीर हो सकती है.
-पब्लिक पॉलिसी और मेडिकल सिस्टम एक्सपर्ट, डॉ. चंद्रकांत लहारिया
घरेलू नुस्खों को तीन भागों में बांटा जा सकता है:
डॉ. लहारिया ने बताया कि दुनिया के हर हिस्से में कुछ लोकल और घरेलू नुस्खे इस्तेमाल किए जाते हैं. उन पर कभी भी ढंग से रिसर्च नहीं की गई. ये नुस्खे काम भी करते हैं या नहीं, ये कहना मुश्किल है.
इस तरह की प्रैक्टिसेस वैज्ञानिक तौर पर तीन भागों में बांटी जा सकती हैं. पहला हाफ यूजफुल जिनका कुछ उपयोग हो, दूसरा न्यूट्रल यानी न अच्छी हैं न बुरी और तीसरा हार्मफुल. फिटकरी को अगर कॉमन कोल्ड में लेंगे तो न्यूट्रल वाले भाग में रख सकते हैं लेकिन अगर उसे अनावश्यक इस्तेमाल करेंगे, तो नुकसानदायक हो जाएगी. माना कि फिटकरी पानी को प्योरिफाई करती है, लेकिन कोरोना के इलाज में इसकी कोई भूमिका नहीं है.
पब्लिक पॉलिसी और मेडिकल सिस्टम एक्सपर्ट, डॉ. चंद्रकांत लहारिया
उन्होंने कहा कि ये सलाह है कि इस तरह के नुस्खों से बचें. ये कहा नहीं जा सकता कि फिटकरी से क्या नुकसान होगा, लेकिन अनावश्यक रूप से किसी चीज का इस्तेमाल शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
क्या कहता है आयुर्वेद?
इस बारे में और जानकारी के लिए हमने Ayurveda Growth at NirogStreet के को-फाउंडर और एवीपी डॉ. अनिरुद्ध मोहिते से बात की. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के मुताबिक फिटकरी का इस्तेमाल गरारा करने के लिए किया जाता है, लेकिन इससे कोविड ठीक नहीं होगा.
उन्होंने फिटकरी के और भी फायदे बताए जैसे कि फिटकरी से ब्लड लॉस ( खून का बहना कम होता है) रुकता है और ये एंटीबैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) के तौर पर भी काम करती है. लेकिन फिटकरी एंटी वायरल के तौर पर भी काम करती है ऐसी कोई जानकारी नहीं है.
मतलब साफ है कि ये दावा भ्रामक है कि फिटकरी वाला पानी पीने से या उस पानी से गरारा करने से कोरोना का इलाज संभव है.
यह श्रृंखला क्विंट हिंदी और ख़बर लहरिया पार्टनरशिप का अंश है। लेख क्विंट द्वारा लिखा और रिसर्च किया गया है।
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