क्या कोरोना पैनडेमिक नहीं रहा? क्या बीमारी अब एंडेमिक की स्थिति में पहुंच चुकी है? जानिए ऐसे तमाम सवालों के जवाब
क्या होता है एंडेमिक, पैनडेमिक और एपिडेमिक?
डॉ. वत्स ने बताया कि जब कोई बीमारी कई देशों में एक साथ फैली हो तो उसे पैनडेमिक कहते हैं. जब कोई बीमारी निश्चित एरिया में बड़ी संख्या में फैले तो उसे एपिडेमिक कहते हैं. और जब यही बीमारी बहुत कम जनसंख्या में रह जाती है, तो उसे एंडेमिक कहते हैं. उन्होंने आगे बताया कि ऐसी स्थिति में हम बीमारी को आराम से संभाल सकते हैं और हमारे हेल्थ सिस्टम में उसका ज्यादा असर नहीं पड़ता. डॉ. वत्स ने कहा:
जब हम कोरोना वायरस की बात करते हैं, तो अभी ये पैनडेमिक की स्थिति में है. इंटरनेशनल डेटा के मुताबिक, किसी भी देश में केस जीरो नहीं हुए हैं, बल्कि अभी भी मामले सामने आ रहे हैं. इसका मतलब है बीमारी पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं है. इसलिए, ये एंडेमिक नहीं बल्कि पैनडेमिक ही है.
क्या एंडेमिक की स्थिति में मामले बढ़ने खत्म हो जाते हैं?
इसका जवाब देते हुए डॉ. वत्स कहते हैं, ”एंडेमिक में किसी देश के बहुत बड़े भूभाग में मामले जीरो होते हैं, तो वहीं बहुत छोटे-छोटे भागों में मामले बढ़ते हैं. हालांकि, ये पूरी तरह से कंट्रोल में रहते हैं.”
कोरोना को लेकर भारत की क्या है स्थिति?
डॉ. वत्स ने बताया कि भारत में अभी 60 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं, 40 प्रतिशत लोग अभी बचे हैं. इसका मतलब है कि नए वैरिएंट्स आ सकते हैं. ये किस तरह के होंगे खतरनाक होंगे या नहीं, इसका अनुमान लगाना कठिन है. इसलिए, वैक्सीन जरूरी है क्योंकि ये बहुत ही शक्तिशाली हथियार है कोरोना से लड़ने में. इसकी वजह से ही हम पर ओमिक्रॉन का असर कम हुआ. और ऐसा स्टडीज भी कहती हैं.
ये भी देखें – लॉन्ग COVID क्या है, Corona के ठीक होने के बाद क्यों हो रहा, इसका इलाज क्या है? | Fact Check
बूस्टर शॉट्स कितने हैं जरूरी
डॉ. वत्स ने बताया कि कई बार इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी होता है कि वैक्सीन की कई डोज लगाई जाएं. स्टडीज के मुताबिक, दो डोज का 6-8 महीने बाद असर कम हुआ. इसलिए जरूरी हो जाता है कि बूस्टर डोज ली जाए. डेटा के मुताबिक बूस्टर डोज ने ओमिक्रॉन की घातकता को कम कर दिया है. हालांकि, हमारे पास ये डेटा उपलब्ध नहीं है कि बूस्टर डोज की इम्यूनिटी कितनी देर तक रहती है. और समय रहते हमें तय करना होगा कि हमें कितनी डोज की जरूरत पड़ सकती है.
आगे का रास्ता क्या है, हम खुद को कैसे बचाएं?
- वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लें
- अगर सांस लेने में दिक्कत है या खांसी जुकाम है तो डॉ. से संपर्क जरूर करें
- मास्क का इस्तेमाल जरूर करें
- वेंटिलेशन वाली जगह पर रहें
- इसके अलावा, सबसे जरूरी है कि कोरोना से जुड़ी फेक न्यूज पर आंख बंद कर भरोस करने से बचें.