कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को मोदी जितना कम नहीं किया है।”
“जो उनकी पहले सरकार थी, उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे, जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे। घुसपैठों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठों को दिया जाएगा। आपको मंज़ूर है ये?” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में रैली को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
पीएम के इस बयान को लेकर कई तरह से सोशल मीडिया पर सवाल उठाये जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आचार संहिता लगने के बावजूद यह क्यों हो रहा है। क्यों एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है।
बांसवाड़ा में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी का बयान
बांसवाड़ा में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा है, वह चिंताजनक है, गंभीर है। ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की उनकी कोशिश है। उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जायेगी। उसका हिसाब लगाया जाएगा। हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, सिल्वर कितना है उसका हिसाब लगाया जाएगा। सरकारी मुलाज़िमों के पास कितना जगह है, क्या है, कौन पैसा कहां है, नौकरी कहां है, उसकी जांच की जायेगी।
इतना ही नहीं ये भी कहा है, ये जो गोल्ड है बहनों का और जो संपत्ति है उसे समान रूप से वितरित कर दी जायेगी। क्या ये आपको मंज़ूर है? आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को मेरी माताओं और बहनों की ज़िन्दगी में…. सोना, वो सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है। ये उनके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है।
उनका मंगलसूत्र, वह एक सोने की कीमत का मुद्दा नहीं है, उनके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है। उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मैनिफेस्टो में। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे।
जो उनकी पहले सरकार थी, उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे, जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे। घुसपैठों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठों को दिया जाएगा। आपको मंज़ूर है ये?
ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है कि माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लमानों का है।
ये अर्बन-नक्सल की सोच, मेरी माताओं-बहनों…. आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। यहां तक जाएंगे (हाथों से ज़मीन की तरफ इशारा करते हुए कहा)। “
(यहां देखें बयान का पूरा वीडियो)
‘पीएम नफरत के भाषण पर उतर आये’ – कांग्रेस
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ”संपत्ति के पुनर्वितरण” वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ”निराशा” का सामना करने के बाद, प्रधानमंत्री अब लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए ”झूठ” और ”नफरत के भाषण” पर उतर आए हैं ।
राहुल गांधी ने X पर लिखा,”पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं।
कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी मेनिफेस्टो’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं। देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोज़गार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा। भारत भटकेगा नहीं!”
‘पीएम मोदी ने अपनी गरिमा को गिरा दिया’ – कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को मोदी जितना कम नहीं किया है।” अपने X अकाउंट पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “आज मोदी जी के बौखलाहट भरे भाषण से दिखा कि प्रथम चरण के नतीजों में INDIA जीत रहा है।
मोदी जी ने जो कहा वो Hate Speech तो है ही, ध्यान भटकाने की एक सोची समझी चाल है। प्रधानमंत्री ने आज वही किया जो उन्हें संघ के संस्कारों में मिला है।
सत्ता के लिए झूठ बोलना, बातों का अनर्गल संदर्भ बनाकर विरोधियों पर झूठे आरोप मढ़ना यह संघ और भाजपा की प्रशिक्षण की ख़ासियत है। देश की 140 करोड़ जनता अब इस झूठ के झाँसे में नहीं आने वाली।
हमारा घोषणापत्र हर एक भारतीय के लिए है।सबकी बराबरी की बात करता है। सबके लिए न्याय की बात करता है।
कांग्रेस का न्याय पत्र सच की बुनियाद पर टिका है, पर लगता है Goebbels रूपी तानाशाह की कुर्सी अब डगमगा रही है।
भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को इतना नहीं गिराया, जितना मोदी जी ने गिराया है।”
‘भाजपा दक्षिण में साफ़, उत्तर में हाफ’ – कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने X पर लिखा, “युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों एवं पिछड़े, दलित, और आदिवासी समुदायों से संबंधित विषयों पर एक भी सवाल का जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री ने आज राजस्थान की अपनी रैलियों में बेशर्मी से झूठ बोला और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अपमानजनक बयान दिया।
हमें यह तो पता है कि पहला चरण उनके लिए बेहद ख़राब रहा है। लेकिन शायद हमारा जो आकलन है, स्थिति उससे भी कहीं अधिक बुरी है। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता जाने की हताशा और निराशा में प्रधानमंत्री मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। याद रखें: भाजपा दक्षिण में साफ़, उत्तर में हाफ!”
मनमोहन सिंह ने ‘संपत्ति पर मुस्लिमों के पहले अधिकार’ को लेकर क्या कहा था?
न्यूज़लॉन्ड्री की 22 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2006 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की एक बैठक में अपने दिये बयान को लेकर स्पष्टीकरण दिया था।
उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएँ स्पष्ट हैं: कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और इसके साथ-साथ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता होगी। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएँ बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने का अधिकार मिले। संसाधनों पर पहला दावा उनका होना चाहिए। केंद्र के पास असंख्य अन्य ज़िम्मेदारियाँ हैं जिनकी माँगों को समग्र संसाधन उपलब्धता के अंदर फिट करना होगा।
पीएमओ ने कहा था कि उपरोक्त बयान से यह स्पष्ट है कि सिंह का “संसाधनों पर पहला दावा” का संदर्भ ऊपर सूचीबद्ध सभी “प्राथमिकता” क्षेत्रों को संदर्भित करता है, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और बच्चों और अल्पसंख्यकों के उत्थान के कार्यक्रम शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, इन टिप्पणियों को पिछले कुछ सालों में अकसर भाजपा नेताओं द्वारा इस्तेमाल किया गया है। पिछले साल, छत्तीसगढ़ में चुनाव के दौरान भी इसे दोहराया गया था।
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