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बिजली की समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सौंपा ज्ञापन

पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ तहसील में कम बारिश की वजह से खरीफ़ फसलों की बुआई नहीं हो पायी है। किसानों के लिए धान की खेती प्रमुख है जिसमें वह महीनों की मेहनत लगाता है। लेकिन बिजली के कम वोल्टेज होने के कारण किसान धान के लिए उपयुक्त पानी नहीं दे पाए। जिससे उनकी धान की फसल नहीं हो पायी।

इसी संबंध में कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा बिजली विभाग के कार्यालय के सामने बैठकर हड़ताल की गयी एवं बिजली से होने वाली समस्याओं को लेकर अपनी मांगे सामने रखीं। जिसमें पर्याप्त बिजली ना मिलना, बिल अधिक आना, समय से बिजली ना आना और नंगी तारों से होने वाली दुर्घटनाएं शामिल हैं। इसे लेकर तहसीलदार का कहना है जल्द से जल्द मांगो को पूरा किया जाएगा।

आज दिनांक 5 अगस्त 2021 को कांग्रेस पार्टी द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय, मध्य प्रदेश शासन के नाम पर विद्युत विभाग कार्यालय जाकर अधीक्षण अभियंता एसके त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया है।

कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष महेश यादव ने बताया है कि आज 5 अगस्त को टीकमगढ़ जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में जो लगातार अघोषित बिजली कटौती एवं विद्युत बिल बढ़ रहे हैं उस गड़बड़ी में सुधार किए जाए। इसी को लेकर के ज्ञापन दिया गया है। यह हैं निम्न मुद्दें:-

1- वर्तमान शासन में उपभोक्ताओं को निरंतर बढ़े हुए बिल दिए जा रहे हैं। कर्मचारियों द्वारा मनमाने ढंग से रीडिंग लेकर बिजली बिल देकर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है।

2- छतरपुर जिले के मलगुवा में चक्की संचालित मुनेंद्र राजपूत ने कुरकुरी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मुख्यमंत्री महोदय शिवराज सिंह चौहान द्वारा कांग्रेश शासनकाल में कहा गया था किसी के भी बिजली कनेक्शन नहीं काटने हैं यदि किसी की बिजली कट गई तो वह खुद आकर उसे जोड़ेंगे। जबकि उन्हीं के शासन काल में बकाया राशि के कारण किसानों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

3- बिजली की लाइनें, ट्रांसफॉर्मर स्टेशनों के रखरखाव की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। रख-रखाव के नाम पर 6 घंटे बिजली बंद रखने के बाद ट्रिपिंग की संख्या बढ़ती जा रही है।

4- मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है जिस पर सरकार का ध्यान नहीं है।

5- मध्यप्रदेश में ट्रांसफॉर्मर फेल होने की संख्या बढ़ती जा रही है। बिजली कंपनियों के पास ट्रांसफार्मर बदलने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को अपने वाहन से ट्रांसफार्मर बदलने के लिए जाना पड़ता है।

6- जानबूझकर शासकीय विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद की गई हैं। सिंगाजी इकाई क्रम 3 साल से शुरू नहीं हुई है और यूनिट क्रम 04 बंद हो गई है।

7-केंद्र शासन द्वारा वर्ष 2019 में योजना का आरंभ किया गया था किंतु शिवराज सरकार द्वारा जो लाभ होना था उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

8- भाजपा शासनकाल में सौभाग्य योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया जिसमें करोड़ों रुपए का लेन देन है।

9- शासन द्वारा उपभोक्ताओं को दी जा रही सब्सिडी का भुगतान विद्युत वितरण कंपनियों को नहीं दिया जा रहा है जो की अब बढ़कर 24 करोड़ हो गई है।

उनकी मांग है कि उक्त बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए बिजली के निम्न कारणों को दूर किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को सही तरीके से बिजली बिल मिल सके और बिजली व्यवस्था सुरक्षित रह सकें।

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