खबर लहरिया Blog College girl attacked with acid : दिल्ली में 20 साल की डीयू छात्रा पर तेजाब फेंकने वाली घटना निकली झूठी, पुलिस ने जाँच में किया खुलासा

College girl attacked with acid : दिल्ली में 20 साल की डीयू छात्रा पर तेजाब फेंकने वाली घटना निकली झूठी, पुलिस ने जाँच में किया खुलासा

हाल ही में उत्तर-पश्चिम दिल्ली में लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास एक 20 वर्षीय छात्रा पर कथित तौर पर तेजाब से हमला करने का मामला सामने आया था। इस दुर्घटना में छात्रा के दोनों हाथ झुलस गए थे ऐसा बताया जा रहा था। जब पुलिस ने इसकी गहराई से जाँच की तो सच कुछ और ही निकला और जिस घटना को सच मान लिया गया था वह वास्तव में एक झूठी कहानी थी।

एसिड अटैक को रोकने के लिए सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार : सोशल मीडिया)

एसिड अटैक का रचा था झूठा नाटक

पुलिस की जाँच में आया कि जिसे आरोपी बताया गया है उसे फ़साने के लिए सब नाटक किया गया है। इस बात को लड़की के पिता ने पुलिस के सामने स्वीकार किया। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) रवींद्र सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि महिला के बयान और सीसीटीवी फुटेज में कई विरोधाभास पाए जाने के बाद पुलिस का मानना ​​है कि डीयू की छात्रा ने खुद को घायल करने और कथित एसिड हमले का नाटक करने के लिए अपने घर से टॉयलेट क्लीनर का इस्तेमाल किया। दिल्ली पुलिस द्वारा सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया गया वीडियो।

पिता ने रची साजिश, परिवार ने दिया साथ

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अकील खान के परिवार के कई सदस्य इस साज़िश में शामिल थे। लड़की के पिता पर 2021 से 2024 के बीच उनकी फ़ैक्ट्री में काम करने वाली एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। उसने उन पर यौन शोषण करने और निजी तस्वीरों व वीडियो के ज़रिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।

बदला लेने के लिए बनाई थी योजना

इसका बदला लेने के लिए, खान ने एक योजना बनाई। उसकी बेटी ने एसिड अटैक का नाटक रचा और महिला के पति को मुख्य आरोपी बताया। उसने पुलिस को बताया कि वह काफी समय से उसका पीछा कर रहा था। बाकी कहानी में जो दो आरोपी, अरमान और ईशान का नाम लिया गया था वह भी खान के रिश्तेदार हैं। 2018 में उनकी माँ शबनम ने खान पर यौन हिंसा के साथ-साथ एसिड अटैक का भी आरोप लगाया था। शबनम ने पुलिस को बताया है कि दोनों परिवारों के बीच संपत्ति का विवाद भी चल रहा है।

असली आरोपी गिरफ्तार

अधिकारी ने बताया कि खान के परिवार वालों पर झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए कार्रवाई की जाएगी। सोमवार 27 अक्टूबर को लड़की के पिता को दिल्ली के संगम विहार से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अपने खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद से छिपा हुआ था।

मीडिया में पहले इस तरह से थी घटना

पहले घटना में इस तरह से खबर सामने आई थी कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली में लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास एक 20 वर्षीय छात्रा पर कथित तौर पर तेजाब से हमला करने का मामला सामने आया है। इस दुर्घटना में छात्रा के दोनों हाथ झुलस गए। इसकी जानकारी डीसीपी (उत्तर पश्चिम) भीष्म सिंह ने रविवार 26 अक्टूबर 2025 को दी। आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

खुले में तेजाब की बिक्री आम बात है। दिल्ली में भी आप गलियों में और सड़कों पर प्लास्टिक की बोतल में “तेजाब ले लो” की आवाज सुन सकते हैं। वैसे तो तेजाब की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नियम के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद तेजाब को खरीदना आसान है। यही कारण है कि इस तरह की घटनाओं को आसानी से अंजाम दिया जाता है।लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में, बढ़ती एसिड अटैक की घटनाओं के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में एसिड की बिना डॉक्टरी पर्चे वाली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को चुनिंदा खुदरा विक्रेताओं को एसिड बिक्री लाइसेंस जारी करने का भी निर्देश दिया था, जिन्हें एसिड खरीदने वालों का पहचान पत्र देखने के बाद उनका रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया गया था।

दिल्ली में डीयू की छात्रा पर एसिड अटैक

उत्तर-पश्चिम दिल्ली में लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास एक द्वितीय वर्ष की 20 वर्षीय छात्रा के साथ तेजाब से हमला तब किया गया जब वह एक्स्ट्रा क्लास के कॉलेज जा रही थी। इसी बीच तीन बाइक सवार ने लड़की का पीछा किया और कथित तौर पर तेजाब से हमला किया। छात्रा ने खुद को बचाने के लिए चेहरे को हाथ से ढकने की कोशिश के चलते दोनों हाथ झुलस गए। महिला को दीप चंद बंधु अस्पताल ले जाया गया, बाद में उन्हें राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल भेज दिया गया।

आरोपी पिछले डेढ़ साल से कर रहा था स्टॉक (पीछा)

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष आर्यन मान ने कहा, “मैं अपनी बहन से मिला और उसने बताया कि आरोपी डेढ़ साल से उसका पीछा कर रहा था और उसने उसे बार-बार दूर रहने के लिए कहा था। इसके बावजूद, वह उसके साथ बदसलूकी करता रहा। उसने बताया कि तीन लोग बाइक पर आए, तेज़ाब की एक बोतल निकाली और उस पर फेंकने की कोशिश की। उसने अपना बैग उठाकर खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज़ाब उसके दोनों हाथों पर लग गया और वह पांच प्रतिशत जल गई। उसने यह भी कहा कि तेज़ाब फेंकने वाला आरोपी जितेंद्र है। वह शादीशुदा है और उसका डेढ़ साल का एक बच्चा है… तीनों आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।”

आरोपी फरार, तलाश जारी

डीसीपी ने भीष्म सिंह ने बताया कि मुख्य मुख्य आरोपी जितेंद्र के साथ पिछले महीने उनके बीच कथित तौर पर झगड़ा हुआ था। उन्होंने आगे कहा, “मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश जारी है।”

एसिड अटैक के अब तक मामले – राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) रिपोर्ट

द वायर की रिपोर्ट में सामने आया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की भारत में अपराध रिपोर्ट 2023 के अनुसार, पश्चिम बंगाल में देश में सबसे अधिक एसिड हमले दर्ज किए गए हैं। एसिड हमले के कुल मामलों की संख्या 207 थी, जबकि पश्चिम बंगाल में 2023 में 57 एसिड हमले दर्ज किए गए, जो कि ऐसे मामलों का 27.5% है। रिपोर्ट में यह भी आया कि देश में एसिड हमले के मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है, जो 2021 में 176 से बढ़कर 2022 में 202 और 2023 में 207 हो जाएगी।

एसिड अटैक के मामले में राज्यों का स्थान

एसिड अटैक जैसी घटनाओं में सबसे ऊपर पश्चिम बंगाल है। इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है, जहां 2023 में एसिड हमले के 31 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद गुजरात में 15, राजस्थान और ओडिशा में 11-11 मामले तथा केरल, हरियाणा और असम में 10-10 मामले दर्ज किए गए। केंद्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली में ही एसिड हमले की 7 घटनाएं दर्ज की गईं।

महिलाओं के न कहने पर या धोखा देने पर महिलाओं की पहचान, अस्तित्व को मिटाने के लिए आज भी तेजाब का इस्तेमाल किया जाता है जो कि बहुत गंभीर मुद्दा है। अधिकतर महिलाओं पर एसिड अटैक तब किया जाता है जब पुरुष को उससे किसी बात का बदला लेना हो और या फिर उसकी खूबसूरती को मिटाना हो यानी चेहरे को जला दिया जाए, ताकि उसकी और कोई देख न सकें। युवाओं में इस तरह की मानसिकता अपराध को जन्म देती है। तेजाब की बिक्री पर आखिरकार क्यों नहीं पूरी तरह से रोक लगाई गई है और तेजाब इस तरह से खुले में आसानी से क्यों बिक रहे हैं? इन सभी सवालों पर सरकार और कानून को सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि किसी महिला को एसिड अटैक का सामना न करना पड़ें।

हालाँकि इस घटना ने एक तरफ झूठी कहानी को सच में बदल दिया लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि महिलाओं के साथ एसिड अटैक की घटनाएँ झूठी हो। कुछ लोग खुद को अपराध से बचाने के लिए इस तरह झूठा का सहारा ले सकते हैं, लेकिन पुलिस अपना काम ईमानदारी और पूरी निष्ठा से निभाए तो अपराधी को सजा जरुर मिलती है। 

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