नागरिकता कानून को लेकर देश में विरोध
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। नागरिकता कानून पर हुए संशोधन को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। पूर्वोत्तर के लोग अपने अभिमान और संस्कृति को बचाने का हवाला देकर संघर्ष कर रहे हैं तो अन्य समाज के लोग इस कानून को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ़ बताकर विरोध कर कर रहे हैं। इस दौरान कई जिले में हिंसा, झड़प और आगजनी की भी घटनाएं सामने आई हैं।
बिल को लेकर लोग अब बसों, ट्रेनों को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं। इसके विरोध में सबसे ज्यादा तनाव की स्थिति असम में है। असम में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है।सभी 4 मौतें पुलिस की गोलीबारी के कारण गुवाहाटी में हुईं हैं। राज्य में 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि करीब 1460 लोग हिरासत में हैं।
मुम्बई में CAB,NCR के विरोध में उमड़ी भीड़ न सरकार को दिख रही है न ही दलाल मीडिया को।आज असम मणिपुर त्रिपुरा बंगाल विहार यू पी गुजरात भोपाल में आक्रोशित
जनता प्रदर्शन कर रही है।गप्पू और उनके अंधभक्त विपक्षी नेताओं को अलूल जलूल कहकर ध्यान भटका रहे।#StandWithJNU#CAB_नहीं_चलेगा pic.twitter.com/uA7dlCREux— Madhukar (@Madhuka83630118) December 14, 2019
आपको बता दें कि नागरिकता शंशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार यानी 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। तभी से देश में जगह-जगह हिंसा और प्रदर्शन जारी है लोग सड़को पर उतर आये हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि 14 दिसंबर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के लालगोला रेलवे स्टेशन पर 5 खाली ट्रेनों में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क जाम किये और रेल सेवाओं को भी प्रभावित किया। इस बिल के विरोध में असम में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में दो लोगों की मौत तक हो चुकी है।
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों ने 15 दिसंबर को प्रदर्शन किया। विरोध के दौरान छात्रों द्वारा पुलिस पर पत्थरबाजी करने और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की खबर है।
इस बीच अलीगढ़ में 16 दिसंबर रात 10 बजे और मेरठ में 12 बजे रात तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं सहारनपुर में भी इंटरनेट एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है। इलाके में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। हालात पर काबू पाने के लिए आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद एएमयू कैंपस पहुंच गए हैं। पुलिस प्रशासन शांति व्यवस्था कायम करने में जुटा है।
मौके पर भारी सुरक्षाबल की तैनाती
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुए पथराव में डीआईजी समेत कुछ अन्य लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम विवि के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। इसके अलावा मौके पर आरएएफ और पीएसी की टीमों को भी भेजा गया है। फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण स्थितियां बनी हुई हैं।
5 जनवरी तक विश्वविद्यालय बंद रहेगा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) विश्वविद्याय प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब 5 जनवरी 2020 तक विश्वविद्यालय बंद रहेगा। एएमयू के वाइस चांसलर अब्दुल हामिद ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों की वजह से बीते तीन दिनों से यहां व्यवधान खड़ा किया जा रहा है।
जगह-जगह हो रही हिंसा और बवाल के बीच जो लोगों में भय बना है डर का माहौल है उसको लेकर हमने बुंदेलखंड में लोगों के विचार जाने की आखिर मुन्देल्खंड में किस तरह का माहौल है और लोग इस पर क्या सोच रहे हैं और उनकी क्या राय है। क्योंकि 13 दिसंबर को बाँदा शहर की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम वर्ग ने हाथों में तख्ती और झंडे-बैनर लेकर नए कानून के प्रति विरोध जताया। बांदा में हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे और इस कानून को काला कानून बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
बाँदा जिले के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का कहना है कि इससे कुछ फर्क पड़ने वाला नहीं है। हिन्दू मुश्लिम एकता के लिए जो हमारे बुन्देलखंड मिशाल कायम है। वह कभी नहीं टूटेगी। चाहे सरकार इस एकता को तोड़ने के लिए कोई भी उपाय कर ले पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीँ डिग्गी चौराहा के रहने वाले सैयद अली मंजर का कहना है कि अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए ये बिल लाया गया है।