चित्रकूट जिले के विनय साहू अपने पेन्टिंग से महशूर जिले मे तो है ही अब उनका नाम देश विदेश मे भी नाम हो रहा है विनय अपने हुनर से सबका दिल जीतने का हुनर रखते हैं |
वैसे तो हर किसी में कोई न कोई कला का गुण ज़रूर होता है मगर बहुत ही कम लोग इस गुण को पहचान पाते है ,
मगर बहुत से लोग गुण को पह्चाह्न्ने के बाद भी उस गुण का सही इस्तेमाल नहीं कर पते है |
इसी गुण को अपना जीने का मकसद बना लेना तो असंभव सा लगता है लेकिन दुनिया में बहुत से अनोखे किस्म के लोअग भी होते हैं जो इस असंभव काम को भी कर जाते हैं |आस-पास कई जिलों में संगीत कार्यक्रम के लिए फेमस हैं ये संगीत कलाकार
ऐसे ही एक शख्स है विनय साहू जिनका कहना है मई इसी कला में जन्मा हूँ और कला करते करते ही मरना चाहता हूँ
बहुत तंगी और गरीबी में बचपन गुजरने के बाद भी कला के लिए अपना जूनून हमेशा जिंदा रखा ,बीमारियों से हार नहीं मानी ओर अपना मुकाम हासिल किया |
आज वो हर एक छोटी जगह और गरीब परिवार से होने वाले युपक और बच्चोंके लिए प्रेरणा का श्रोत हैं |
विनय साहू की पेन्टिंग देख कर लगता है मानो ये अभी बोल पड़ेंगी बहुत सराहनीय काम इनके द्वारा हो रहा है
जिलो के सैकड़ों बच्चों को कलाकार बना दिया बुलंद हो हौसला, तो मुट्ठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो जिंदगी में आम हैं बचपन से चित्रकला का शौक रखने वाले विनय साहू चार साल की उम्र से लीवर की बिमारी से पीड़ित थे
लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, उन्होंने सोंचा कुछ ऐसा करू जो लोग मरने के बाद याद करे और उन्होंने रंग-बिरंगे रंगों मे अपना भविष्य देखा, हिम्मत और हौसले से बिमारी से लडता रहा और एक नई जिन्दगी मिली आज मै जिन्दा हू और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी पाया