बिजली की नंगी तार के लगने से गयी दो व्यक्तियों की जान। परिवार की मांग है कार्यवाही हो।
पिछले दिनों हमने कई ऐसी खबरें कवर की थी जिसमें किसानों की फसल खेत में बिजली की तार लटकने की वजह से जलकर राख हो गयी थी। यहां तक की अपनी फसलों को बचाने के दौरान कई किसान अपनी जान भी गवां बैठे थे। लेकिन यह सिलसिला यहां खत्म नहीं हुआ। ऐसी ही एक और ताज़ा खबर जिला चित्रकूट में सामने आयी है। चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक के गाँव उड़की में रहने वाले दो व्यक्तियों की मौत खेत में लगे बिजली के खंभे से करंट लगने की वजह से हो गयी।
लटकती तारों से हुई मौत
गाँव उड़की में रहने वाले जिन दो व्यक्तियों की मौत हुई, उनका नाम पप्पू सिंह उम्र 47 साल और मुन्ना सिंह 55 साल है। मृतकों के पिता जुलु सिंह का कहना है कि उनके दोनों बेटे सुबह दस बजे खेत के लिए निकले थे। जब उन्हें गए हुए दो-तीन घंटे हो गए और वह फिर भी वापस नहीं आये तो उन्हें चिंता होने लगी। जब वह खेत पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बिजली के खंभे की नंगी तार पेड़ से सटी हुई थी। पेड़ में करंट था। उसी पेड़ के संपर्क में आने से उनके दोनों बेटों की मौत हो गयी।
मृतकों की माँ का कहना है कि ऐसे में सरकार भी सहायता नहीं देती। वह कहती हैं कि उन्होंने घटना की सूचना रैपुरा थाने में भी दी। मौके पर पुलिस ने आकर शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए भी भेजा था। लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चला। न ही विभाग की तरफ से कोई कार्यवाही हुई है और न ही कोई मुआवज़ा मिला।
बारिश की वजह से लगा करंट
हमने घटना के बारे में रैपुरा थाने के बड़े दरोगा सुशील कुमार सिंह से बात की। उनका कहना है कि उन्हें मामले के बारे में तकरीबन 12 बजे पता चला। उन्होंने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वह आगे कहते हैं कि दोनों व्यक्तियों की मौत करंट लगने से हुई है। जिसके लिए परिवार को भी मुआवज़ा दे दिया जाएगा। जो मुआवज़ा किसानों को दिया जाता है, वही परिवार को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से बिजली की तारें लटक रही थी। हर जगह पानी भी फैला हुआ था। इसी वजह से दोनों व्यक्तियों की मौत हुई है।
पहले भी हो चुकी है घटनाएं
गाँव के राजा नाम के व्यक्ति का कहना है कि घटना बहुत अचानक से हुई है। वह आरोप लगाते हुए कहते हैं कि घटना के समय न तो कोई शासन-प्रशासन से कोई अधिकारी आया और न ही कोई आश्वाशन दिया गया। वह आगे कहते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से विभाग से कोई कर्मचारी भी नहीं आते। किसी की मौत हो जाए फिर भी न तो को कार्यवाही होती है और न ही कोई सुनवाई। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा तो उनकी तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है। लेकिन प्रशासन द्वारा मामले को लेकर कुछ भी नहीं किया जा रहा। वह कहते हैं कि बिजली विभाग की वजह से कई बार आग लग चुकी है।
बिंदी देवी का कहना है पहले लोग रौशनी के लिए मिट्टी का तेल इस्तेमाल करते थे तो ऐसे हादसे नहीं होते थे। घटनाओं की वजह से उन्हें हमेशा डर सताये रहता है।
मिलेगा मुआवज़ा – बिजली विभाग अधिकारी
इस मामले में हमने बिजली विभाग के जेई ईश्वर सिंह से बात की। उनका कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद जो भी सरकार की तरफ से मुआवज़ा होगा। वह परिवार को दिया जाएगा। वह इसके लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।
बिजली की नंगी तारों से लगातार जिले में मौतें होती रही हैं। लेकिन फिर भी बिजली विभाग द्वारा न तो इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जवाबदेही के रूप में बस यह कहा गया कि परिवार को मुआवज़ा दिया जाएगा। क्या मुआवज़ा देने से समस्या का निपटारा हो जाएगा?
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सहोद्रा देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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