2018 में आई राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 27% महिलाएं 15 साल की उम्र के बाद शारीरिक हिंसा की शिकार होती हैं।
इनमें से 31% महिलाएं शादी के बाद घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। भारत में अधिकांश घरेलू हिंसा, यौन हिंसा और वैवाहिक बलात्कार के मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं। ऐसे में आर्थिक स्थितियों और समाज की सोच को मद्देनज़र रखते हुए ज़्यादातर ग्रामीण महिलाओं को ससुराल वालों से समझौता करने के लिए कहा जाता है।
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है चित्रकूट ज़िले के मानिकपुर ब्लॉक के गाँव रानीपुर से, जहाँ एक महिला के साथ उसके पति ने घरेलू हिंसा की। लेकिन ससुराल वालों के कहने पर महिला ने अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बजाय समझौता करने के लिए तैयार हो गई है।
मानिकपुर थाने के एस आई बलदेव सिंह ने ऑफ़ कैमरा बताया कि इस तरह के केसेस में ज़्यादातर पुलिस समझौता ही करा देती है ताकि महिला का घर टूटने से बच जाए। उन्होंने जानकारी दी कि छुट्टन और उनके पति के बीच भी गाँव के पूर्व प्रधान की उपस्थिति में समझौता करा दिया गया है।
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