चित्रकूट में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही थी। पुलिस और चाइल्डलाइन कॉउंसलर को जैसे ही शादी की जानकारी मिली। उन्होंने मौके पर पहुचंकर शादी को रुकवाया।
चित्रकूट जिले में 19 मई को नाबालिग लड़की की शादी करवाए जाने का मामला सामने आया था। जिसे चाइल्डलाइन और पुलिस प्रशासन की मदद से रोका गया। शादी की जानकारी गाँव के किसी व्यक्ति द्वारा चाइल्डलाइन नंबर पर कॉल करके दी गयी थी। जिसके बाद मौके पर चाइल्डलाइन और पुलिस प्रशासन पहुंची। लड़की की शैक्षणिक शिक्षा को देखते हुए यह बताया कि लड़की की उम्र 17 साल है यानी अभी वह शादी के लिए बालिग नहीं हुई है।
लड़की के पिता का कहना है कि उनकी बेटी की उम्र 19 साल है। लेकिन उसका आधार कार्ड खो गया है, न ही कोई जन्म प्रमाण पत्र है। इसलिए वह साबित नहीं कर सकते। प्रमाण पत्र का होने से मना कर देना, यह दिखाता है कि परिवार जानबूझकर लड़की की उम्र छुपाने की कोशिश कर रहा था।
खबर लहरिया ने बढ़ती नाबालिग लड़कियों की शादी के मामले को लेकर कई बार रिपोर्टिंग की है। जिसके बाद यह मामला सामने आया और प्रशासन की मदद से शादी को रोका गया।
शादी को लेकर लड़की के परिवार का यह है कहना
लड़की के पिता का कहना है कि अगर शादी रुकवानी ही थी तो पहले ही रुकवा लेते। बारातियों के लिए खाना और सामान भी खरीद लिया गया था। वह सब बर्बाद हो गया। लगभग तीन लाख रुपयों का भी नुकसान हुआ है। उन्हें नहीं पता था कि गाँव का उनका कोई दुश्मन लखनऊ चाइल्डलाइन पर फोन करके उनकी बेटी की शादी रुकवा देगा। उन्होंने बहुत मुश्किल से शादी के लिए पैसे जुटाए थे। जो की अब बर्बाद हो गए।
लड़की की माँ और दादी का कहना है कि शादी लॉकडाउन में निपट जाती इसलिए कर रहे थे। उनकी एक बेटी घर छोड़ कर जा चुकी है। उसके ही डर से वह अपनी दूसरी बेटी की शादी करवा रहे थे। जब उनकी पहली बेटी ने घर छोड़ा था तो वह अपने साथ ज़रूरी कागज़ात लेकर गयी थी। इसलिए उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है।
वह यह भी कहती हैं कि अगर उनकी बेटी की शादी को होने दिया जाता तो वह उसे एक साल के बाद विदा करती। लड़की की माँ का यह कहना कहीं न कहीं यह दिखाता है कि वह मामले से बचने की कोशिश कर रही थी। उनका यह कहना लड़की के नाबालिग होने की तरफ भी इशारा करता है।
मौके पर पहुंचे मऊ कोतवाली के दरोगा गुलाब त्रिपाठी का कहना है कि कम उम्र में लड़की की शादी करवाना अपराध है। जिसका सामना आगे लड़की को कई चुनौतियों के साथ करना पड़ता है। जब लड़की बालिग़ हो तभी शादी करवाना सही है।
किसी गाँव के व्यक्ति से मिली थी सूचना – चाइल्डलाइन कॉउंसलर
चाइल्डलाइन कॉउंसलर नीलू ने बताया कि चाइल्डलाइन नंबर 1098 पर कॉल करके किसी गाँव वाले द्वारा उन्हें शादी की खबर दी गयी थी। जब वह लोग वहां पहुंचे तो शादी की तैयारी हो चुकी थी। लड़की वाले शादी रोकने के लिए तैयार नहीं थे। वह वहां पर पुलिस के साथ पहुंची और बेहद जद्दोजेहद के बाद शादी को रुकवाया गया।
हमें यह भी जानकारी मिली थी कि लड़की खुद भी शादी करना चाहती थी। लेकिन उसके कहने से यह नहीं कहा जा सकता कि वह सच में अपनी मर्ज़ी से शादी के लिए तैयार थी। साथ ही परिवार वालों पर किसी भी तरह का कोई भी मामला दर्ज़ नहीं किया गया है। उन्हें बस पुलिस और चाइल्डलाइन कॉउंसलर द्वारा पूरे मामले को लेकर समझाया गया है।
यह मामला यह भी दिखाता है कि आज भी छुप-छुपकर नाबलिग लड़कियों की शादी करवाई जा रही है। कई परिवार तो यह सोचकर शादी कर रहे हैं कि लॉकडाउन में शादी करवाने पर ज़्यादा पैसे खर्च नहीं होंगे। जैसा की हमें इस मामले में लड़की की माँ से सुनने को मिला था। इससे यह सवाल आता है कि लड़की की शादी करवाना कई परिवार वालों द्वारा सिर्फ निपटाने वाला काम है। जिसे वह जल्द से जल्द किसी भी तरह करके खत्म करना चाहते हैं।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुनीता देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।