ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी पेयजल योजना के अनुसार हर गाँव में सभी घरों में टोटी वाला नल और पाइप लगवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन खण्डेहा गाँव के कई मजरों में अभी तक यह नल नहीं लगवाया गया है।
चित्रकूट ज़िले के ब्लॉक मऊ में आज भी ऐसे कई गाँव हैं, जहाँ सप्लाई नल अभी तक नहीं लगा है। और लोगों को पीने के पानी की समस्या को झेलना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अब तो हैंडपम्पों में भी पानी आना बंद हो गया है। और ग्रामीणों को पानी की तलाश में इधर उधर भटकना पड़ता है।
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मीलों पैदल चलकर पानी लेने जा रहे ग्रामीण-
ब्लॉक मऊ के गाँव खण्डेहा के मजरा पटपरिहा पुरवा के रहने वाले समयलाल, धुरपतिया देवी और अनीता बताते हैं कि उनके मजरे में अबतक सप्लाई नल की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई है। इन ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी पेयजल योजना के अनुसार हर गाँव में सभी घरों में टोटी वाला नल और पाइप लगवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन खण्डेहा गाँव के कई मजरों में अभी तक यह नल नहीं लगवाया गया है। लोगों ने बताया कि इस गाँव में 7 मजरे हैं, जिसमें से पटपरिहा पुरवा, मोहन पुरवा, लवेदआदि मजरों में ग्रामीणों को रोज़ाना मीलों का सफर पैदल तय करके पानी का इंतज़ाम करना पड़ता है।
लोगों ने हमें यह भी बताया कि जिन लोगों के घरों या खेतों में बोरवेल की सुविधा मौजूद है, वहां से कभी-कभी ये लोग पानी भर लेते हैं लेकिन वो लोग भी हर समय बोरवेल नहीं चलाने देते क्यूंकि उसमें काफी बिजली खर्च होती है। इसके साथ ही गाँव में मौजूद कुँए भी पूरी तरह से सूख चुके हैं और आसपास मौजूद तालाब का पानी इतना गंदा होता है कि उसका इस्तेमाल घर के अन्य कामों के लिए भी नहीं किया जा सकता।
पानी की मांग के बावजूद भी नहीं मिली कोई सुविधा-
ग्रामीणों का कहना है कि जब मऊ ब्लॉक में पेय जल योजना के तहत पाइप लग रहे थे, तब कई बार इन लोगों ने नल लगवाने की मांग तो करी लेकिन प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई कार्य नहीं हुआ। पेय जल योजना का काम 2010-11 में शुरू हुआ था, और तब मऊ ब्लाक के 57 गावों में रह रहे परिवारों को इस योजना का लाभ मिलना था, लेकिन आज इतने सालों बाद भी यह परिवार पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके बाद साल 2018-19 में भी गावों में पाइप लाइन डलवाने का काम शुरू किया गया था और इस मजरे में पाइपलाइन भी बिछवाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी यहाँ सप्लाई का पानी नहीं आया। अब तो पेय जल योजना का नाम भी बदल कर जल जीवन मिशन योजना हो गया है, और देश के हज़ारों गावों में इस योजना का लाभ भी दिया गया है, लेकिन इस गाँव में लोगों की परेशानियां दूर करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ग्रामीणों के साथ अन्ना जानवरों को भी हो रही परेशानी-
ग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन मिशन योजाना 2021 से 2024 तक चलेगा पर उनके गाँव में अभी तक न ही कोई अधिकारी, और न ही कोई नेता पानी समस्या को दूर करने के लिए आया है। ग्रामीणों ने बताया कि ये लोग घर में पानी का काम करने और पीने का पानी तो दूर-दराज़ के क्षेत्रों से लेकर आ जाते हैं, लेकिन गाँव में मौजूद अन्ना जानवर पानी की कमी के कारण काफी परेशान रहते हैं। लोगों का कहना है कि गाँव में पर्याप्त पानी नहीं होता की इन जानवरों को दिया जा सके, साथ ही अगर गाँव में शादी-विवाह जैसा कोई फंक्शन होता है, तब भी पानी की कमी के चलते काफी परेशानी होती है।
ग्रामीणों ने बताया कि आसपास मौजूद हैंडपंप के पास सुबह से ही मीलों लंबी लाइन लग जाती है और एक-दो घंटे के अंदर ही हैंडपंप से पानी आना भी बंद हो जाता है।
गांव खोहर के मजरा लक्ष्मी पुरवा, और कॉलोनी पूर्व में पानी का यही हाल है। इस गाँव में लगभग 100 घर हैं और हैंडपंप सिर्फ एक। यहाँ की रहने वाली सूरजकली का कहना है कि बरगढ़ क्षेत्र तो वैसे भी पथरीला इलाका है और यहाँ पानी की बहुत किल्लत होती है। यह ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन इनके गाँव की तरफ ध्यान दे और इस गाँव में मौजूद अनेक समस्याओं का हल निकालें।
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चित्रकूट परियोजना प्रबन्धक इंजीनियर राजेन्द्र सिंह का कहना है कि मऊ क्षेत्र में पेयजल योजना के अंतर्गत कुछ गाँव छूटे थे, लेकिन अब 2021 से जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत हुई है, और 2024 तक ऐसी पूरी उम्मीद लगाई जा रही है कि चित्रकूट के सभी गावों में पानी की समस्या को दूर किया जा सकेगा। इसके साथ ही चित्रकूट के आतंरिक इलाकों में मौजूद गावों में पाइपलाइन डलवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है और जल्द ही पानी की सुविधा इन गावों में पहुंचाई जाएगी।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुनीता देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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