चित्रकूट जिले के मानिकपुर विकासखंड से महज़ 3 किलोमीटर दूर बसे चमरौहा डांढी और अहिरन डांढी गांव आज भी पानी के संकट से जूझ रहे हैं। गांव के लोग सालों से एक तालाब और दूर के एक पुराने कुएं पर निर्भर रहे हैं, लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं। गांव में पांच हैंडपंप हैं, जिनमें से तीन ही चालू हैं — वो भी गंदा और बेहद कम पानी देते हैं। एक बाल्टी भरने में 15 मिनट और उसके बाद घंटों इंतज़ार। सरकारी बोरिंग हैं, लेकिन सूखे पड़े हैं, और प्राइवेट बोरिंग से भी हर किसी को पानी नहीं मिलता। यहां पानी हर दिन नहीं, नंबर से मिलता है — यानी इंतज़ार, थकावट और जद्दोजहद ही जीवन का हिस्सा बन गई है।
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