जिला चित्रकूट, ब्लाक मनिकापुर, गांव करौंहा। यहाँ कई गांव वन्य जीव विहार बनाए जाने के लिए खाली कराया जाना है। लोगों के अनुसार इसका सर्वे दो साल पहले हो चुका है।
कुछ महिलाओं से बात की तो उनका कहना है कि हमारे यहां 2 साल पहले से वन विभाग द्वारा सर्वे हो रहा है और कह रहे हैं कि यह गांव भी जाएंगे। हम लोगों को डर है कि किस तरह से हम लोगों को निकाला जाएगा। मुआवजा देंगे भी या नहीं। हम अपनी तरफ से मांग कर रहे हैं कि हमारी जमीन घर सबका सही दाम देंगे तभी गांव छोड़ेंगे।
जंगल हमारी एक पूंजी है, धरोहर है क्योंकि इसके अलावा हमारे पास और कुछ नहीं है। यही हमारा रोजगार है यही हमारा पेट पालता है। इससे लकड़ी तेंदू महुआ जड़ी-बूटी हर चीज मिलती है। उनको बेचके अपने बच्चों का पेट पालते हैं। हमारे पास ना खेती है ना सरकारी नौकरी है ना हमें मजदूरी मिलती है।
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सरकार से यही मांग है की जब भी हमें गांव से निकाला जाए तो हम लोगों के लिए सही दाम का मुआवजा दिया जाए।
कर्वी वन विभाग अधिकारी आरके दीक्षित ने बताया की सरकार के आदेश पर अभी काम चल रहा है। संभावना है कि गांव नहीं निकाले जाएंगे।
लोगों के अनुसार जो भी जंगल के किनारे लगे लगभग 10 से 12 गांव रानीपुर गिदुरहा, नेही चरैया,जरवा जैसे गाँवों को हटाया जाएगा। ग्रामीणों को अभी किसी प्रकार की नोटिस नहीं दी गई है लेकिन वह इस डर में जी रहे हैं की अगर उन्हें गाँव से निकाला जाता है तो वह कहाँ जाएंगे।
प्रशासन को प्रधानों द्वारा सही सूचना जारी करनी चाहिए ताकि ग्रामीण इस उलझन से मुक्त हो सकें।
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