खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: ढाई किलोमीटर दूर बावली से पाने भरने को मजबूर लोग

चित्रकूट: ढाई किलोमीटर दूर बावली से पाने भरने को मजबूर लोग

Water Crisis : भारत में कई गांवों में जलसंकट की समस्या बहुत बड़ी चिंता का विषय है। एक ऐसा छोटा सा गांव है, जिसे बराह माफी के नाम से जाना जाता है। यह गांव चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक में स्थित है और वहां के लोगों को जल के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। गांव के निवासी ढाई किलोमीटर दूरी पर स्थित तालाब से पानी भरने के लिए मजबूर हैं, जिससे उनकी जीवन रक्षा पर भी खतरा बढ़ रहा है।

गांव में पानी की आपूर्ति का सबसे मुख्य स्रोत हैंडपंप हैं, लेकिन यहां के सभी हैंडपंप खराब हो चुके हैं। यह समस्या बहुत समय से चली आ रही है, और अब इसका परिणाम यह है कि गांव के लोगों को पानी के लिए दूर-दूर जाना पड़ रहा है। अब नलों में पानी की संख्या तक घट गई है।

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तालाब में भी समस्याएं हैं। तालाब का एक हिस्सा खिसक गया है और अब वह धंस रहा है। यह नहीं सुनिश्चित किया जा सकता कि कब यह धंस जाएगा और क्या कोई हादसा हो जाएगा। लोगों को इसके खतरे से बचने के लिए सतत चौकसी करनी पड़ती है।

पानी की कमी के कारण, लोगों को घरेलू कार्यों को पूरा करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। खेती, घर का काम, स्वच्छता आदि के लिए पानी की आवश्यकता होती है, जो अब पूरी नहीं हो सक रही है। इसके अलावा, पीने के पानी की भी कमी होने के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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गांव के प्रधान भूपेश सिंह का कहना है कि उन्होंने गांव के कुछ मजरों में टैंकर की व्यवस्था करवाई है। जल्द ही सभी मजरों में यह सुविधा पहुंचाई जाएगी। साथ ही तालाब के आस-पास ज़मीन ठीक कराने का भी काम किया जाएगा।

मानिकपुर के बीडीओ धनंजय सिंह का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि हर गांव में टैंकर की सुविधा पहुंच सके।

 

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