डॉक्टर व स्टाफ़ की लापरवाही से 13 साल की बच्ची की मौत हो गयी। स्टाफ़ ने दारु पी हुई थी और सब नशे में थे। यह लड़की के परिवार वालों का आरोप है। चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक,क़स्बा वाल्मीकि, वार्ड नंबर-2 की श्रुति को टायफाइड था। उसका इलाज काफ़ी समय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा था। इसके बाद भी उसकी तबयत में कोई सुधार नहीं आया। फिर डॉक्टर द्वारा श्रुति के दवाइयों को बदला गया। बदली हुई दवाइयों के लेने के बाद उसकी तबयत और भी ज़्यादा खराब हो गयी।
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तबयत ज़्यादा खराब होने की वजह से उसे दोबारा सीएचसी लेकर जाया गया। अस्पताल में मौजूद कम्पाउंडर ने प्लस देखते हुए कहा कि श्रुति की प्लस काफ़ी धीमें चल रही है। परिवार ने कहा कि उसे ऑक्सीजन लगाया जाए लेकिन यह कहकर की अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं है उन्होंने ऑक्सीजन नहीं लगाया।
परिवार ने आरोप लगाया कि जब डॉक्टर राजेश कुमार आये तो उन्होंने उनकी बेटी की सही से जांच किये बिना ही उसे मृत घोषित कर दिया। सीएमओ भूपेश पांडेय का भी यही कहना था कि जब लड़की को अस्पताल में लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
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सीएमओ ने आगे कहा कि एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम बना दी गयी है। जांच के अनुसार जो सामने आएगा व जिसने लापरवाही की होगी, उसके खिलाफ सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
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