सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में इन योजनाओं का कोई मोल नहीं है क्योंकि यह योजनाएं व उनका लाभ ज़रूरतमंद लोगों तक नहीं पहुँचता। चित्रकूट जिले के ब्लॉक मनिकापुर पुरवा सुखराम पुर गांव चुरेह केसरूआ में रहने वाले एक ही परिवार के तीन लोग आँखों से दिव्यांग हैं। उन्हें सरकार द्वारा शुरू की गयी किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिला है।
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दिव्यांग गीता ने बताया कि उसके ससुर, पति व सास सब दिव्यांग है पर उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती। वह लोग बहुत परेशान है। आगे कहा, मेरे तीन बच्चे हैं लेकिन उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। दिव्यांग होने की वजह से वह काम करने में भी असमर्थ हैं। घर में शौचालय भी नहीं है। शौच के लिए उन्हें जंगल में जाना पड़ता है और वहां सांप-बिच्छू का हमेशा डर बना रहता है।
गीता कहती, गांव का प्रधान भी उनकी तरह ध्यान नहीं देता। अमावस के 15 दिनों के समय में वह सजावत का सामान बेचकर अपना घर चलाती हैं।
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बीडीओ धनंजय सिंह ने खबर लहरिया को बताया कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी। न ही प्रधान द्वारा उन्हें इस बारे में बताया गया था। इस समय सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए आवास आये हुए हैं। उनका नाम लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इसके आलावा उनके लिए शौचालय व विकलांग पेंशन के लाभ हेतु भी अप्लाई कर दिया जाएगा तो उन्हें ज़रूर से सरकारी सुविधा का लाभ मिल पायेगा।
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