जिला चित्रकूट ब्लाक मऊ गांव बरगढ मजरा उसरी यहां के रमेश और शारदा मिलके कबाड़ में मटेरियल इकट्ठा करके मिनी टैक्टर बनाए हैं थोड़ा-थोड़ा दिमाग लगाकर एक दूसरे के सहारे कबाड़ से एक ट्रैक्टर बनाए हैं इस ट्रैक्टर का बनाने का फायदा की जहां पर पेड़ पौधा लगा होता है वहां भी इस ट्रैक्टर से जुदाई कर सकते हैं और कम जगह में यह ट्रैक्टर अंदर चला जाएगा सब्जी लगाना हो या कम जगह हो वहां भी जुदाई कर सकते हैं बनाने का समय लगभग 15 दिन तक लग गया है इसमें नया सामान लगाते तो लगभग 40000 तक होता कबाड़ का सामान 30000 तक लगा इसमें लगभग 1 दिन में दो तीन बीघा जोत सकते हैं किसानों के लिए गे बहुत फायदा होगा जब से टैक्टर बनाए हैं तब से कई ऑर्डर आ चुके हैं एक बना चुके हैं और दूसरे में फिर से काम चालू किए हुए हैं इसी तरह ट्रैक्टर बनाएं और धान पेरने का करने का खेसर बनाए हैं इस तरह से किसानों के लिए बहुत फायदा होगा बड़े ट्रैक्टर में ₹600 घंटा लगता है इससे अपना तेल डाल के चला सकते हैं जैसे हम लोग के यहां ज्यादा पेड़ पौधे लगे होते हैं और जुदाई का बहुत ज्यादा काम पड़ता है गुड़ाई का भी इस कारण से दसों मजदूर काम में लगाना पड़ता रहा अब इससे अकेले ही गुड़ाई सब्जी में या पेड़ पौधे में कर सकते हैं यही सोच के किसानों के लिए मिनी ट्रैक्टर बनाए हैं इस तरह से आगे के लिए और प्रयास रहेगा कि और किसानों के लिए कुछ खास बनाएं अभी तो यह शुरुआत है बनाने का क्योंकि किसानों को जोताई में बहुत ही मेहनत और पैसा लगता है जब बनाना शुरू किए थे तो यही डर लग रहा था कि ट्रैक्टर बनाने में सबसे जोया ना हो जब थोड़ा सा कमी हो जाती रहे एक दूसरे के सहारा लेते रहे और बनाना शुरु कर देते रहें इस कारण से यह टैक्टर शख्स हुआ है