खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट- सुनिए जेल से वापस आई महिलाओं की दास्तान

चित्रकूट- सुनिए जेल से वापस आई महिलाओं की दास्तान

चित्रकूट- सुनिए जेल से वापस आई महिलाओं की दास्तान :कहते है महिला घर की लक्ष्मी होती कहने के लिए महिलाओं को बडे बडे सम्मानित नाम से नवाजा जाता लेकिन क्या महिलाओं को वो सम्मान मिलता है पूरूष चाहे जो कर ले कही भी जाए उसकी इज्ज़त नहीं जाती थोडा कहते हैं समाज वाले फिर वही दिनचर्या कोई फर्क नही पडता वही पर अगर महिला से कोई गलती हुई या वो बेकसूर किसी आरोप मे फंस जाती ऐसी स्तिथि मे महिलाओं को समाज के समाने कलंकित होना पडता है गलती से कही औरत जेल काटकर आई हो तो मानो समाज मे उसका कोई मान सम्मान ही नहीं बचा हो जेल से आकर लोग तरह तरह की बाते करते हैं रिश्तेदार समाज हर इन्सान उनका तिरस्कार करता है ऐसी ही एक महिला हैं जो अपने बेटे को पूलिस से बचाने के लिए पूलिस के सामने खडी हो गई जब पूलिस रात मे उनके घर दबिश लेकर आई ये महिला चित्रकूट के बडगढ थाना क्षेत्र की बरगड गांव की मुस्लिम समुदाय से है खलिकुन निशा ये बताती हैं की इनके बेटे को पूलिस पकड कर चोरी के आरोप मे ले गई रात दूसरे बेटे को भी पकडने आई जिसमे हमने विरोध किया पूलिस ने महिलाओं के साथ बदसलूकी की और मेटी को गलत तरिके से छूने पकडने लगा हमने उसका विरोध किया तो पूलिस ने उलटा हम सब महिलाओं के ख्लाफ.एफ आई आर कर दी और हमे हमारे नाम चलान कर दिया जिसमे मै और मेरी बहू दोनो जेल मे रहे बहू अपने चारो बच्चों को लेकर जेल गई पूलिस की गुंडागर्दी तो रही जो भी थी लेकिन समाज मे लोग तरह.तरह की बात करते हैं जेल काट कर आई महिलाओं की इज्ज़त ही चली जाती है जैसे हमने बहुत बडा गुनाह किया हो |

इन महिलाओं से आप बीती सुन कर लगा के उनके साथ बहुत गलत हुआ |