खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: अंतरा टीका के हो रहे साइड इफेक्ट सुनिए महिलाओं की दास्ताँन

चित्रकूट: अंतरा टीका के हो रहे साइड इफेक्ट सुनिए महिलाओं की दास्ताँन

अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने का ज़िम्मा हमेशा औरत पर ही होता है. उसे कभी पिल खानी पड़ती है. कभी गर्भनिरोधक गोलियां लेनी पड़ती है. तो कभी गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं बढ़ती हुई आबादी को नियंत्रण करने के लिए सरकार द्वारा 15 फरवरी 2018 को अंतरा टीका सरकार ने लांच किया था, जिससे गर्भ नहीं चाहने वाली जरूरतमंद महिलाओं को एक बार इन्जेक्शन लगने के बाद उसे तीन माह तक अन्य कोई गर्भनिरोधक उपाय की जरूरत नहीं होगी।

पहले तो महिलाओं ने काफी रूचि दिखाई लेकिन चित्रकूट जिले के देऊधा में महिलाओं में साइड इफेक्ट का मामला सामने आया है आज राष्ट्रीय टीकाकरण है तो आइए सुनते हैं इन महिलाओं की दास्तान जिला चित्रकूट ब्लाक रामनगर गांव देऊधा शांति का कहना है कि मोदी का अंतरा टीका लगे 1 साल हो गए हैं बच्चे ना होने का कि बच्चे बंद हो जाए ऑपरेशन के जगह में यह सरकार टीका लगवा रही है 3 महीना में एक टीका लगता है मगर यह टीका लगने से हमें काफी नुकसान हुआ है

और काफी ब्लड जा रहा था इस कारण से हम दोबारा टीका नहीं लगवाए यह सरकार की शुद्ध तो अच्छी है मगर महिलाएं के सूट नहीं करती और इससे पीरियड भी बंद हो जाती है तो काफी महिलाएं उनका कहना है कि हम जिससे पीरियड बंद हो जाते समय से पहले तो हमें दिख तो नहीं है और इससे कई महिलाएं की मृत भी हो चुकी हैं और कुछ महिलाएं आज भी पड़ी हुई हैं

इसलिए यह टीका फायदे उसका फायदा वाला नहीं है इससे महिलाएं का काफी नुकसान हो रहा है मगर यह ठीक है कि बाद कोई जांच कोई इलाज भी नहीं करते डॉक्टर डॉक्टर महिला से बात की तो उनका कहना है कि कल के बाद कोई दिक्कत हो या परेशानी हो तो महिलाएं आशा बहू के साथ या स्वयं आ सकती हैं अपना जांच कराई कि उसका इलाज भी है उसे तो पहले टीका से कोई दिक्कत नहीं होती प्रिया बंद हो जाता है कुछ दिन का फेल होने लगता है जब तक एक जैक्सन का दोस्त रहता है

तब तक बंद रहता यह सरकार का नियम है यह हम अपनी तरफ से थोड़ी मगर सर आशा बहू और लोगों जो टीका लगवाएं हैं उनका कहना है कि सरकार तो अलग-अलग नियम योजना चलाती है मगर उसका कोई फॉलो नहीं किया जाता ना दोबारा देखा जाता ज्यादा जो गरीब महिला है जो बेरोजगार है जिसके पास खाने के लिए नहीं है वहीं महिला लग जाती हैं और कई महिलाओं का कहना है कि अभी भी हमारी जानकी कुंड से इलाज चल रहा है अभी तक कोई फर्क नहीं पड़ा