गरीबों के बारातघर की बदहाली: सुविधाओं के नाम पर सिर्फ दीवारें, सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं पिछले 15 वर्षों से यह बारातघर केवल एक नाम मात्र की इमारत बनकर रह गया है। न बिजली है, न पानी, न पंखे, न साफ-सफाई और न ही एक ढंग का गेट। शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा तक का अभाव है। टूटे गेट और उखड़ी पुताई इसकी बदहाली की गवाही देते हैं। जब कोई मूलभूत सुविधा ही नहीं है, तो यहाँ बारात ठहराने का कोई लाभ नहीं है। गरीबों के लिए यह बारात घर एकमात्र सहारा है, क्योंकि उनके पास बड़ी होटल या पार्टी हॉल बुक करने की हैसियत नहीं होती। लेकिन सालों से की जा रही मांग और गुहार के बावजूद प्रशासन या जिम्मेदार विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सिर्फ नाम के लिए योजनाएँ बनाई जाती हैं और अधूरी इमारतें खड़ी कर दी जाती हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं होता।
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