खबर लहरिया National चित्रकूट: विकास की अनदेखी, जर्जर पड़ा बारात घर

चित्रकूट: विकास की अनदेखी, जर्जर पड़ा बारात घर

गरीबों के बारातघर की बदहाली: सुविधाओं के नाम पर सिर्फ दीवारें, सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं पिछले 15 वर्षों से यह बारातघर केवल एक नाम मात्र की इमारत बनकर रह गया है। न बिजली है, न पानी, न पंखे, न साफ-सफाई और न ही एक ढंग का गेट। शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा तक का अभाव है। टूटे गेट और उखड़ी पुताई इसकी बदहाली की गवाही देते हैं। जब कोई मूलभूत सुविधा ही नहीं है, तो यहाँ बारात ठहराने का कोई लाभ नहीं है। गरीबों के लिए यह बारात घर एकमात्र सहारा है, क्योंकि उनके पास बड़ी होटल या पार्टी हॉल बुक करने की हैसियत नहीं होती। लेकिन सालों से की जा रही मांग और गुहार के बावजूद प्रशासन या जिम्मेदार विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सिर्फ नाम के लिए योजनाएँ बनाई जाती हैं और अधूरी इमारतें खड़ी कर दी जाती हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं होता।

ये भी देखें – 

चित्रकूट : बारात घर में नहीं है सुविधा, खेतों में रुकतें हैं बाराती

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें

If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *