जिला प्रयागराज से बरगढ के जंगल में पैदल चल रहे हैं दिहाड़ी मजदूर अभी इनको मानिकपुर जाना है इनके साथ तीन चार जवान बच्चियां हैं एक तरफ तो वैसे भी मानिकपुर डकैत इलाका है दूसरी तरफ इस तरह से जंगल है जंगली जानवर का डर बना हुआ है दिहाड़ी मजदूर का कहना है मैं प्रयागराज से पैदल चली हूं और मानिकपुर जाना है अभी मैं बरगढ के जंगल में हूं लगभग 10:00 बजे मानिकपुर के जंगल पहुंचेंगे इस तरह की स्थितियां हैं कि जो आउट में वाहन चल रहे थे वह कुछ भी समय नहीं चल रहा है पैदल जाना होता है वहां तो मैं मजदूरी करती थी इंटर कारा में रोज का 200 मिलता रहा वह भी बंद हो गया इस कारण से मेरे पास कुछ खाने के लिए नहीं था वापस घर जा रहे हो कोई वाहन नहीं था इस तरह से इस जंगल में पैदल चलना होता है पुलिस के डर के कारण आउट आउट गांव से निकल रही हूं इस तरह के दोपहर का धूप और जंगल में पैदल चल रहे हैं ना पानी पीने के लिए यहां मिलेगा और ना खाने के लिए भी इस तरह की स्थितियां है बहुत समस्या होती है कोरोना बीमारी के वजह से गरीब जनता को बहुत परेशानी होती जंगल में तो जवान बच्चियों को ले जाने के लिए डाल रहे हैं पर यहां कोई रिश्तेदारी भी नहीं है इस कारण से मुझे घर ही जाना होगा क्या करूं डर तो है ही लेकिन मानिकपुर का जंगल 10:00 बज जाएगा इस तरह की स्थितियां हैं कुछ तो आउट का भी वाहन चलना चाहिए कितना परेशानियां ना हो