पूरे उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां ज़ोरोशोर से हो रही हैं। जहाँ आए दिन इस चुनाव में सरकार की तरफ से कुछ न कुछ बदलाव हो रहे हैं, जिससे प्रत्याशी और उनके समर्थक काफी परेशान हैं, वहीं सभी प्रत्याशी पूरे उत्साह के साथ चुनाव जीतने के लिए प्रचार में भी जुट गए हैं।
चित्रकूट ज़िले के प्रत्येक गाँव में भी प्रधानी पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए 27 मार्च से फॉर्म मिलना शुरू हो गया है और उम्मीदवारों ने अपने दस्तावेज़ इकठ्ठा करना शुरू भी शुरू कर दिए हैं। चुनाव की नामांकन तारीख 7 अप्रैल रखी गयी है, जिसके लिए सभी उम्मीदवार कोशिश कर रहे हैं कि उससे पहले ही अपने सारे कागज़ात तैयार कर लें।
चुनाव नामांकन फॉर्म हुए महंगे–
चुनाव नामांकन फॉर्म खरीदने आए लोगों का कहना है कि फॉर्म पिछली बार से भी ज़्यादा महंगा बिक रहा है जिसके कारण कई उम्मीदवार परेशान हैं। इन लोगों ने हमें यह भी बताया कि ये लोग सुबह 7:00 बजे से फॉर्म लेने की लाइन में लगे हैं लेकिन विभाग में इतनी अव्यवस्था है कि हर काम में देरी हो रही है।
बता दें कि अब चित्रकूट के हर ब्लॉक में यह फॉर्म मिलना शुरू हो गया है। प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य एवं ग्राम पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों के लिए मिल रहे फॉर्म का रेट 300 रूपए है और ग्राम क्षेत्र पंचायत के फॉर्म का भी मूल्य 300 रूपए है। इसके अलावा बीडीसी सदस्य के लिए मिल रहे फॉर्म का रेट 150 रुपए है। सरकार ने इस बार फॉर्म खरीदने के लिए महिलाओं को कुछ छूट दी है और जो फॉर्म 300 रूपए में उपलब्ध हैं, महिलाओं के लिए वो फॉर्म 200 में मिलेगा।
महिलाओं को मिली है छूट-
सरकार के यह फैसला यह दर्शाता है कि शासन ने इस बार महलाओं को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यही कारण है कि इस बार के पंचायती चुनाव में कई सीटें महिलाओं को लिए आरक्षित भी की गयीं। पर देखा जाए तो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती है लेकिन चुनाव होने के बाद उनके पद से जुड़े ज़्यादातर काम उनके परिवार के पुरुष ही करते नज़र आते हैं। कई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि चुनाव जीतने के तुरंत बाद ही महिलाओं को घर संभालने के लिए बोल दिया जाता है और ग्राम पंचायत के सभी फैसले उनके पति द्वारा लिए जा रहे होते हैं।
जब हमने इस बारे में फॉर्म लेने आई महिलाओं से बात की, तो वहां मौजूद सुनीता देवी ने हमें बताया कि वो बीडीसी सदस्य के लिए इस बार चुनाव लड़ रही हैं, जिसके लिए फॉर्म लेने वो यहाँ आई हैं। सुनीता का कहना है कि फॉर्म का रेट तो 150 रूपए है और महिलाओं के लिए 50 रूपए है, लेकिन जब महिलाएं फॉर्म लेने जाती हैं, तो यहाँ मौजूद कर्मचारी किसी न किसी तरीके से पूरे पैसे वसूल लेते हैं। सुनीता ने हमें बताया कि वो 27 तारीख से यहाँ के चक्कर काट रही हैं और जितनी बार आती हैं, उतनी बारे कुछ न कुछ पैसे देने पड़ जाते हैं लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। क्यूंकि सुनीता पहली बार पंचायत चुनाव में खड़ी हुई हैं, इसलिए उनको इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है कि कौन कौन से दस्तावेजों की ज़रुरत पड़ेगी, जिसके चलते वो काफी परेशान हैं।
भीड़ होने के कारण नहीं हो पा रही सुनवाई–
जब हमने कर्वी ब्लॉक के बीडीओ राजेश कुमार से इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि उम्मीदवारों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, 27 तारीख से प्रत्याशियों के आवेदन के लिए फॉर्म उपलब्ध हैं और 7 अप्रैल तक यह प्रक्रिया चालू रहेगी। उनका कहना है जैसे ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई वैसे ही कि लोगों ने इतना हड़कंप मचा दिया कि रोज़ यहाँ भीड़ लगी रहती है और हर कोई पहले फॉर्म लेकर आवेदन करना चाह रहा है। राजेश ने हमें बताया कि आवेदन करने के लिए लोगों को आधार कार्ड, पास बुक की फोटोकॉपी लगनी होगी, और अगर लोग आराम से हर प्रक्रिया का पालन करें, तो यहाँ मौजूद कर्मचारियों के लिए भी इन लोगों की मदद करना आसान होगा।
जिस प्रकार से आए दिन पंचायत चुनाव की रणनीतियों में बदलाव हो रहे हैं, उससे उम्मीदवारों को भी हर दिन नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब भले वो आवेदन फॉर्म भरना हो, या चुनावी जंग जीतना हो। अब यह देखने लायक होगा, कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा, उम्मीदवार कैसे आम जनता को अपनी ओर आकर्षित कर वोट बटोर सकते हैं।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सहोद्रा द्वारा रिपोर्ट और फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।