जिला चित्रकूट ब्लॉक मानिकपुर गांव रानीपुर गेदुरहा और मऊ गुर्दरी यहां रप्टा तो बना है लेकिन इतना नीचे बना है कि हर वर्ष बाढ़ आने पर रप्टा बह जाता है। लोगों को आना जाना बंद हो जाता है। इस कारण से चार पहिया गाड़ी नहीं जा पाती हैं। लोग बहुत परेशान होते हैं। पैदल जाते हैं साइकिल से जाते हैं जब लोग बीमार होते हैं और डिलीवरी वाली महिला होती हैं। उनको कम से कम 2 किलोमीटर गांव से बाहर पैदल चला कर लाते हैं तब एम्बुलेंश मिलती है।गांव में एंबुलेंस कभी नहीं जाती है सिर्फ रप्टा न बनने के कारण से। एक में तो बरदहा में काम लगा है वह तो बन जाएगा लेकिन उसके बनने से कोई फायदा नहीं है लोगों को तो उसी तरह झेलना पड़ेगा क्योंकि दो रप्टा रास्ते का नहीं बना है। यहां के लोग इस समस्या को कई पीढ़ियों से देख रहे हैं।
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जब बाढ़ आती है तो कम से कम एक हफ्ता घर से नहीं निकल पाते क्योंकि कोई रास्ता नहीं है। लोगों का आवागमन खत्म हो जाता है। कई बार लोग आवाज़ उठाएं बस यही आश्वासन मिल जाता है कि हां बन जाएगा बन जाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। चुनाव के समय जब लोग आते हैं वादा करते हैं बस कल से ही काम लग जाएगा लेकिन अभी तक का रानीपुर गेदुरहा से मानिकपुर जाने आने का रास्ता नहीं बना है। इस कारण से ग्रामीणों को बहुत दिक्कत झेलनी पड़ती है। मानिकपुर अस्पताल ले जाने के लिए पैदल जाते हैं तो तीन-चार घंटा अपना पैदल ही चलते रहते हैं।
मानिकपुर क्षेत्र के इन गांवों में ज्यादातर आदिवासी, इसाई और पंडित जाति के लोग निवास करते हैं। रानीपुर गिदुरहा की तीन हजार और मऊ गुर्दरी की ढ़ाई हजार आबादी के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।
मऊ मानिकपुर विधायक आनंद शुक्ला का कहना है कि जो रानीपुर के गिदुरहा के लिए रप्टा बनवाना था एक तो बरदाहा वाला बन रहा है लेकिन जो जंगल में है तो वन विभाग अधिकारी से स्वीकृति करवाना है। इसके लिए हमारा प्रयास रहेगा कि सुरक्षित हो जाए वहां के रप्टा बन जाए लोगों को आने जाने के लिए समस्या दूर हो जाए और गांव के लिए जो रोटा जुड़े हैं हमारा प्रयास है कि हम मुख्यमंत्री तक भेजेंगे और वहां का रपटा बनवा एंगे लोगों को आने जाने के लिए आराम होगा।
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