‘अनहैप्पी लीव’ (unhappy leave) का ऐलान करते हुए यू डोंगलाई ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हर कर्मचारी को आजादी मिले। हर किसी के साथ कभी न कभी ऐसा होता है कि वो दफ्तर आने के मूड में नहीं होता। ऐसे में अगर आप खुश नहीं हैं, तो दफ्तर आने की जरूरत नहीं है।’
‘अनहैप्पी लीव’ (unhappy leave), इसकी शुरुआत की है चाइना की एक कंपनी के चाइनीज रिटेल टायकून यू डोंगलाई ने। इस विचार के साथ कि अगर उनके कोई कर्मचारी अच्छा महसूस नहीं कर रहें और काम पर नहीं आना चाहते तो वह उस दिन की छुट्टी ‘अनहैप्पी लीव’ ( खुश न होने की छुट्टी) के तौर पर ले सकते हैं।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का इरादा अपने कर्मचारियों के वर्क-लाइफ को संतुलित करना है।
‘अनहैप्पी लीव’ (unhappy leave) में मिलेगी इतनी छुट्टियां
मार्च 2024 के आखिरी महीने में हुए चाइना सुपरमार्केट सप्ताह में ‘अनहैप्पी लीव’ लीव का ऐलान किया गया। इसकी घोषणा यू डोंगलाई (Yu Donglai) ने की जो पांग डोंग लाई के संस्थापक व अध्यक्ष हैं। यह मध्य चीन के हेनान प्रांत में एक रिटेल चेन कंपनी है।
उन्होंने कहा, कर्मचारी उनको मिली हुई छुट्टियों के अलावा 10 और दिन की छुट्टी अपने अनुसार अलग से ले सकते हैं।
बता दें, यह आयोजन देश के सुपरमार्केट क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया छह दिन का कार्यक्रम था।
ये भी पढ़ें – बुन्देलखण्ड क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं से बातचीत | Election Special
छुट्टी के लिए मना करना उल्लंघन होगा
‘अनहैप्पी लीव’ (unhappy leave) का ऐलान करते हुए यू डोंगलाई ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हर कर्मचारी को आजादी मिले। हर किसी के साथ कभी न कभी ऐसा होता है कि वो दफ्तर आने के मूड में नहीं होता। ऐसे में अगर आप खुश नहीं हैं, तो दफ्तर आने की जरूरत नहीं है।’
अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मैनेजमेंट किसी कर्मचारी को ये छुट्टी लेने से मना नहीं कर सकती। मना करना उल्लंघन होगा।’
ये भी पढ़ें – पैतृक समाज में आज़ाद महिला का जीवन कैसा होता है?
ओवरटाइम काम व अन्य चीज़े हैं नाखुश रहने की वजह
यू डोंगलाई द्वारा शुरू की गई “unhappy leave” के विचार को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिल रहा है।
चीन में कार्यस्थल पर होने वाली चिंता को लेकर 2021 में एक सर्वेक्षण किया गया था जिसके अनुसार, 65 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी काम पर थका हुआ और नाखुश महसूस करते हैं।
कथित तौर पर कम वेतन,उलझे हुए आपसी संबंध, समय से ज़्यादा घंटे काम करने की संस्कृति, कर्मचारियों के नाखुश रहने की मुख्य वजहें हैं।
मार्च 2023 में, यू ने एक भाषण दिया था जिसमें उन्होंने लंबे समय तक काम करने की वकालत करने वाले चीनी कंपनियों के मालिकों की संस्कृति की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा, “कर्मचारियों से ओवरटाइम काम कराना अनैतिक है और अन्य लोगों के विकास के अवसरों का हनन है।”
अगर हम इस विचार को भारत के वर्क-कल्चर यानी काम करने की संस्कृति में देखें तो तय घंटे से ज़्यादा काम करना, छुट्टी न मांगना, तबयत ठीक न होने पर भी ऑफिस आकर काम करना, काम करने में असमर्थ महसूस करने पर भी काम करना आदि को कर्मचारी के सकारात्मक कामों के साथ जोड़कर देखे जाते हैं। यह चीज़ें हमेशा से भारतीय कंपनियों में एक अच्छे कर्मचारी के तौर पर व रोल मॉडल के रूप में देखे गये हैं। वहीं जो कर्मचारी तय समय में काम करने के बाद अधिक घंटे नहीं देते, अपनी छुट्टी की मांग करते हैं उन्हें गैर-ज़िम्मेदार के तौर पर समझा व देखा गया है। ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य व नाखुश रहने की तरफ देखा ही नहीं जाता। यह नहीं पूछा जाता कि उनके दिल का क्या हाल है लेकिन डेडलाइन ज़रूर से पूछी जाती है।
एक सेहतमंद कर्मचारी ही बेहतर काम व नये विचार पेश कर सकते हैं। ग्रसित व डेडलाइन से घिरे हुए व्यक्ति, छुट्टी लेने के बारे में भी सौ बार सोचते हैं। वे मानसिक तनाव के कारण आगे नहीं बढ़ पातें बेशक वह अपने कार्यों को पूरा कर रहे हों।
चाइना की कंपनी का यह विचार सराहनीय है। वहीं भारतीय वर्क-कल्चर व यहां की कंपनियों के लिए यह सिर्फ सवाल या कटाक्ष है जो अपने कर्मचारियों से छुट्टी में भी काम करने की उम्मीद रखते हैं।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’