खबर लहरिया जवानी दीवानी बाँदा जिले के छोटकू और बड़कूदास ने 51 घंटे मजीरा बजाकर तोड़ा रिकार्ड

बाँदा जिले के छोटकू और बड़कूदास ने 51 घंटे मजीरा बजाकर तोड़ा रिकार्ड

जिला बांदा तिवारी गांव खपटिहा कला जहां के निवासी छोटू और बड़कू सगे भाई आज से लगभग 40 साल हो गए मंजीरा बस जाते 51घन्टा मजिरा बजके प्रमड पत्र हासिल किया है मंजीरा तो सब कोई बजाता ही है लेकिन यह बड़ी बात है हमारे लिए की हमने अपने नाम रोशन के लिए 51 घंटे मजीरा बजाया है

जिससे हम लोगों को प्रमाण पत्र भी बता रहा है 51 घंटा बराबर मजीरा बजा के निकल जाते थे आज से 20 साल पहले जो कि पहले हमारी जवानी थी हमें कुछ भी नहीं जाने मिलता था जैसे हम समाज को देखते थे वैसे हैं बढ़ती थी कि हम कितना ना मजीरा बजा और नाचे और खाएं अब तो हमारी 73 साल लगभग उम्र हो गई है अबे भी हम हर जगह जाते हैंबाँदा- बाढ़ में डूबी 5 एकड़ ज़मीन, किसानों का नहीं मिला मुआवज़ा

सरकारी प्रोग्रामों में और भजन भाव में बुलाए जाते हैं हमें गांव के तो बच्चा बच्चा जानते ही हैं लेकिन हमें बाहर भी जाने जाते हैं हमारा मंजीरा बजाने का उद्देश्य है कि हमारे पिताजी भी गाते और बजाते थे उन्होंने उन्हें ने हमें यह प्रेरणा दी थी कि मैं तुमसे मजदूरी नहीं करूंगा और अपना बजाओ और गांव यही सिखाऊंगा तो हमने अपने भी पिताजी से गाने का और बजाने सिक्के और बड़े-बड़े मंचों में गा रहे हैं जो चाहे जितनाअपने आप को समझता हो कि मैं इतना मजीरा बजा लूंगा और जितना हम गाते हैं

खुश ना डालें जहां भी हम लोग जाते हैं वहां के लोग यही सराहना करते हैं कि यह बूढ़े बाबा कमाल किए हैं इससे हम लोगों को बहुत खुशियां आती हैं हम लोगों को पैसा से कोई वह नहीं है पर हमें अपने नाम के लिए हम आज भी मरते हैं जहां की हम को लोग छुटकू और बड़कू के नाम से जाने जाते हैं अगर हम दोनों भाई नहीं जाते हैं तो हम लोगों को मजा भी नहीं आती हैं मंच में इसलिए हम लोग जाएंगे कहीं तो दोनों भाई जाएंगे नहीं हम बैठे रहेंगे