खबर लहरिया Blog Chhattisgarh Virendr Tomar News: छत्तीसगढ़ सुदख़ोर विरेंद्र तोमर की दो महीने फ़रार होने के बाद हुई गिरफ़्तारी 

Chhattisgarh Virendr Tomar News: छत्तीसगढ़ सुदख़ोर विरेंद्र तोमर की दो महीने फ़रार होने के बाद हुई गिरफ़्तारी 

वांटेड विरेंद्र सिंह तोमर को 10 नवंबर को ग्वालियर के विण्डसर सोसायटी से गिरफ्तार किया गया। विरेंद्र सिंह तोमर पिछले छह महीने से फरार था।

Police taking Virendra Tomar into custody

विरेंद्र तोमर को गिरफ़्तार कर ले जा रही ​​पुलिस (फोटो साभार: सोशल मीडिया)              

सूदखोर वांटेड विरेंद्र सिंह तोमर गिरफ्तारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। वांटेड विरेंद्र सिंह तोमर को 8 नवंबर को ग्वालियर के विण्डसर सोसायटी से गिरफ्तार किया गया। विरेंद्र सिंह तोमर पिछले छह महीने से फरार था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे रायपुर लेकर आई जहां शहर भर में उसका जुलूस निकाला गया। अब सोमवार यानी आज को उसे फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस अब उसके भाई रोहित तोमर की तलाश में जुटी है जो प्रॉपर्टी विवाद के एक केस में फरार बताया जा रहा है। 

रोहित तोमर अब भी फरार

इससे पहले ACCU कार्यालय में भी वीरेंद्र तोमर से पूछताछ की गई। विरेंद्र का भाई रोहित तोमर अभी भी फरार है। एक टीम रोहित तोमर की तलाश में जुटी है। दोनों भाइयों पर रायपुर के कई थानों में 16 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें चाकूबाजी, मारपीट, हत्या का प्रयास, धमकी, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग जैसे मामले शामिल हैं।

कौन है विरेंद्र तोमर 

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार उसने सूदखोरी से अर्जित पैसों से लाखों का सोना खरीदा और सोने के गहनों के साथ शाही अंदाज में घूमता है। भाठागांव में उसका आलीशान बंगला है और शहर के कई हिस्सों में करोड़ों की संपत्तियां, महंगी गाड़ियां और निजी सुरक्षा गार्डों की फौज उसके रसूख को दर्शाती है। पुलिस रिकॉर्ड में रोहित एक सक्रिय हिस्ट्रीशीटर है और वह अपने महंगे लाइफस्टाइल, सोने से जड़े कपड़ों और गाड़ियों के काफिले के लिए बदनाम रहा है। पुलिस के अनुसार, वह अवैध सूदखोरी के पैसे से आलीशान जिंदगी बिताता रहा है।

इसके अलावा विरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर रायपुर का आदतन अपराधी है। आरोप के अनुसार अपने छोटे भाई रोहित तोमर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सूदखोरी का काम करता है। आरोपी कर्जदारों से मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूलते और पैसे नहीं देने पर मारपीट करते। विरेंद्र सिंह तोमर पर पहला मामला 2006 में दर्ज हुआ था। पुलिस ने इसे आदतन अपराधियों की लिस्ट में डाला है। विरेंद्र के खिलाफ 6 से ज्यादा अलग-अलग थानों में केस दर्ज है। इनमें मारपीट, उगाही, चाकूबाजी, ब्लैकमेलिंग और आर्म्स एक्ट के केस शामिल हैं।

गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने रायपुर में विरेंद्र तोमर का जुलूस निकाला, तो वह नारा लगाता नजर आया– “अपराध करना पाप, कानून हमारा बाप।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

क्या है पूरा मामला 

करीब पांच महीने पहले प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने तेलीबांधा थाने में विरेंद्र तोमर के भाई रोहित तोमर के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की जिसके बाद से रोहित तोमर फरार हो गया।

रोहित के लापता होने के कुछ समय बाद उसका भाई विरेंद्र तोमर भी गायब हो गया। पुलिस जब विरेंद्र तोमर के घर पहुंची और तलाशी ली तो वहां से अवैध हथियार बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने विरेंद्र तोमर के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। 

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 विरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर के खिलाफ दर्ज केस

– 2006: आजाद चौक में कारोबारी पर चाकू से हमला

– 2010: गुढियारी में मारपीट और उगाही

– 2013: हत्या का मामला

– 2015: अप्राकृतिक कृत्य की रिपोर्ट

– 2016: मारपीट और धमकी (पुरानी बस्ती)

– 2017: महिला से मारपीट और जान से मारने की धमकी

– 2019: सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी, मारपीट और धमकी

– 2025: आर्म्स एक्ट की कार्रवाई

ब्लैंक चेक लेते विरेंद्र तोमर और उसका भाई 

रोहित और विरेंद्र जब भी किसी को पैसा देते, चाहे 50 हजार रुपए क्यों न हो। उसके बदले में ब्लैंक चेक लेते थे। उसमें हस्ताक्षर करवाते और अंगूठा भी लगवाते। फिर लोगों को दबाव बनाकर उनकी जमीन, मकान, दुकान और गाड़ी अपने नाम कर लेते।

छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट ने रायपुर के विरेंद्र तोमर और रोहित तोमर की अग्रिम ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अदालत में तोमर बंधुओं की ज़मानत का विरोध किया। उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उन पर करीब 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सरकारी वकील के तर्क सुनने के बाद अदालत ने कहा कि ऐसे हालात में अग्रिम जमानत देना उचित नहीं होगा और इस आधार पर दोनों की याचिका खारिज कर दी गई। 

 

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