छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले में बसा टीकरापा गांव आधुनिक सुविधाओं से दूर, लेकिन जीवन के असली स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। यहां न अस्पताल हैं, न डॉक्टर — फिर भी लोग खुशहाल और स्वस्थ हैं। यहां के आदिवासी पीढ़ियों से जड़ी-बूटियों और पारंपरिक ज्ञान के सहारे हर बीमारी का इलाज करते आए हैं। जंगल इनके लिए सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि जीवनदाता है। यही कारण है कि ये लोग जंगल की हिफाज़त को अपना फर्ज़ मानते हैं।
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