छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में तैयार की गई 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है जो जशपुर और बस्तर संभाग के महाविद्यालयों में होगा।
छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में तैयार की गई 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है जो जशपुर और बस्तर संभाग के महाविद्यालयों में होगा।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी। मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
इन पदों पर होगी भर्ती
प्राचार्य के लिए 04, सहायक प्राध्यापक के लिए 48, ग्रंथपाल के लिए 04, क्रीड़ाधिकारी के लिए 04, सहायक ग्रेड-01 के लिए 04, प्रयोगशाला तकनीशियन के लिए 20, सहायक ग्रेड-02 के लिए 04, सहायक ग्रेड-03 के लिए 04, प्रयोगशाला परिचायक के लिए 20, भृत्य के लिए 08, बुक लिफ्टर के लिए 04, स्वच्छक के लिए 04 एवं चौकीदार के लिए 04 पदों का सृजन किया गया है।
सीएम विष्णु देव ने कहा –
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर संसाधन व बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
जिले के फरसाबहार और दुलदुला के करडेगा में महाविद्यालयों के स्थापना से स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के क्षेत्र में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। फरसाबहार में लंबे समय से महाविद्यालय की मांग की जा रही थी। अब यहां महाविद्यालय स्थापित होने से यहाँ के छात्रों को तपकरा या बागबहार की ओर दौड़ने की आवश्यकता नहीं होगी। विशेष रूप से छात्राओं को इस पहल से घर के पास ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिलेगी। वहीं दुलदुला ब्लॉक के करडेगा में चारों ओर घने जंगल हैं और छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए ब्लॉक मुख्यालय दुलदुला जाना पड़ता था।अब यहां भी महाविद्यालय के संचालन से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में होने वाली दिक्कतें समाप्त हो जाएंगी।
आगे की जानकारी के लिए खबर अपडेट किया जाएगा।
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