खबर लहरिया Blog Chhattisgarh, NHM Employee News: NHM में 17 दिन हड़ताल के बाद एक्शन, 25 अधिकारी कर्मचारियों की सेवा समाप्त 

Chhattisgarh, NHM Employee News: NHM में 17 दिन हड़ताल के बाद एक्शन, 25 अधिकारी कर्मचारियों की सेवा समाप्त 

NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन) के अधिकारी कर्मचारियों का चल रहे हड़ताल के बीच स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा एक्शन लिया और विभाग ने हड़ताल कर रहे 25 अधिकारी- कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। 

Officers and employees are on strike

हड़ताल में बैठे हैं अधिकारी कर्मचारी (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

देश में आजकल लगभग हर तबके को अपनी मांगों और अधिकारों के लिए हड़ताल और धरने का सहारा लेना पड़ रहा है। कहीं छात्र अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन पर लाठीचार्ज हो रहा है तो कहीं कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने और बेहतर कामकाजी हालात की मांग कर रहे हैं लेकिन नतीजा नौकरी से बर्खास्तगी के रूप में निकलता है। हाल ही में रेलवे भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पर छात्रों के विरोध, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल, STET परीक्षा के लिए छात्रों का विरोध, कॉलेज में फीस कम करने का विरोध और अब छत्तीसगढ़ में NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मियों की सेवा समाप्ति जैसे मामले इसी तस्वीर को दिखाते हैं। 

25 कर्मियों की सेवा समाप्त

छत्तीसगढ़ में NHM के अधिकारी-कर्मचारियों की जारी हड़ताल के बीच स्वास्थ्य विभाग ने सख़्त कदम उठाया है। 3 सितंबर 2025 देर शाम जारी आदेश में 25 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई।

कब से जारी है हड़ताल?

NHM के अधिकारी और कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इनकी कुल 10 मांगों पर 13 अगस्त को हुई बैठक में चर्चा की गई थी। सरकार ने इनमें से 5 मांगें मान ली थीं और उन पर आदेश भी जारी कर दिए गए थे लेकिन बाकी मांगों पर अभी विचार-विमर्श चल रहा था। इसी बीच विभाग ने हड़ताल पर डटे रहने वाले 25 कर्मियों की सेवा ही समाप्त कर दी।

स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि हड़ताल के दौरान विभिन्न स्तरों से बार-बार नोटिस जारी कर कर्मचारियों को कार्य पर लौटने के लिए कहा गया। इसके बावजूद भी अधिकारी एवं कर्मचारी काम पर नहीं लौटे जिससे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं और मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

letter from the department

विभाग के तरफ से पत्र (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

विभाग ने क्या कहा – 

छत्तीसगढ़ विभाग ने साफ कर दिया है कि जनता से जुड़े कामों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। विभाग का कहना है कि हड़ताल करके जनहित को प्रभावित करना नियमों के खिलाफ है और इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। इसी आधार पर विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए आंदोलन पर डटे कर्मचारियों की सेवाएं तुरंत खतम करने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही बाकी मामलों पर भी कार्यवाही की जा रही है। 

NHM अधिकारी कर्मचारियों की मांगे 

NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन) के कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में सेवा का संविलियन और स्थायीकरण सबसे बड़ी है। कर्मचारियों का कहना है कि जैसे अन्य राज्यों में स्थायीकरण किया गया है वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी किया जाए ताकि स्वास्थ सेवाओं में स्थिरता आ सके। 

कर्मचारियों द्वारा कुछ और मुद्दे उठाए गए हैं –

  • स्वास्थ्य विभाग में अलग कैडर बनाया जाए।
  • ग्रेट पे तय किया जाए और समान काम के लिए समान वेतन की नीति लागू हो।
  • 27 प्रतिशत लंबित वेतन वृद्धि तुरंत लागू की जाए। 
  • जुलाई 2003 से रुकी वेतन वृद्धि बहाल की जाए।
  • CR (सीआर) सिस्टम को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए।
  • भर्ती में 50 प्रतिशत सिंटे NHM कर्मियों के लिए आरक्षित हो।
  • ड्यूटी के दौरान मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी का अवसर दिया जाए।
  • मेडिकल और अन्य छुट्टियों की सुविधा मिले।
  • एक पारदर्शी ट्रांसफर नीति लागू हो।
  • कर्मचारियों को दस लाख रुपए तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा मिले। 

देश में बार-बार यह स्थिति क्यों बन रही है कि लोगों को अपने हक़ और अधिकारों के लिए हड़ताल या आंदोलन करना पड़े? क्या यह प्रशासन की असफलता नहीं है? जिन कर्मचारियों ने सालों सेवा दी, उनकी नौकरी खत्म कर देना समाधान है या समस्या को और गहरा करने वाला कदम?

 

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