छतरपुर में नशा पूरे परिवार को बर्बाद कर रहा है। जिन घरों में पति या परिजन नशा करते हैं, वहां बच्चे सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाते और महिलाएं घर का खर्चा अकेले उठाती हैं। कौशर बेगम ने बताया कि उनके पति नशा करते हैं, पैसे छीनते हैं और घर में मार-पीट होती है। महिलाएं मेहनत करती हैं, लेकिन परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। नशा करने वाले कहते हैं कि लत लग जाने पर इसे छोड़ना मुश्किल है। नशा मुक्ति केंद्र में रोज 40-50 लोग निशुल्क इलाज के लिए आते हैं। जागरूकता और इलाज ही इसे रोकने का सबसे बेहतर तरीका है।
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