गाँव में पानी के 4 हैंडपंप है जिसमें से 3 हैंडपंप खराब है। वहीं पानी की ज़रूरत गांव की डेढ़ सौ की आबादी को है पर पानी सिर्फ एक ही हैंडपंप से आता है, वो भी दूषित। यूपी हो या एमपी, यह समस्या यहां के हर ग्रामीण क्षेत्रों की है।
रिपोर्टिंग के दौरान हमने पाया कि छतरपुर जिले के पिपरा खुर्द गांव में जो पानी का हैंडपंप सही है, उसमें से भी गन्दा पानी आता है। पीने के पानी का और कोई स्त्रोत न होने की वजह से लोग पानी को पहले दो दिनों तक रहते हैं और फिर उसे छान कर पीते हैं।
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वहीं महिलाओं व बच्चों का पूरा दिन तक बस पानी भरने में ही बीत जाता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है। महिलाएं मज़दूरी के लिए नहीं जा पाती। यहां की महिलाओं का कहना था कि पानी की समस्या हर साल हो जाती है। गर्मियों में तो इतनी बुरी दशा हो जाती है कि कोसों दूर पानी भरने के लिए जाना पड़ता है।
आगे बताया, हैंडपंप का गंदा पानी पीने से बीमारियों का भी डर रहता है। वह चाहते हैं कि जिस तरह शहरों में पानी की पाइपलाइन की सुविधा हो गयी है। घर-घर पानी की टोटी लगी गयी हुई है उनके यहां पर भी लग जाए। जिससे उन्हें भी साफ़ और स्वच्छ पानी मिले। वह लोग जो गंदा पानी मज़बूरी में पीते हैं, उन्हें वह न पीना पड़े।
खबर लहरिया ने इस बारे में छतरपुर जिले के कार्यपालन अधिकारी संजय कुर्रे से बात की। उनके अनुसार, उनके संज्ञान में यह बात नहीं आई है। वह दो दिनों के अंदर इस समस्या का निराकरण करवा देंगे। जो भी हैंडपंप खराब है, उसे सुधारा जायेगा। वहीं जिस हैंडपंप से गन्दा पानी आ रहा है, उसका सैंपल मंगवा पीने के पानी की किसी न किसी तरह की व्यवस्था की जाएगी।
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