पानी की समस्या कल भी थी और आज भी है। पानी की उचित सुविधा देने के नाम पर कई योजनाएं चलाई गयी। ग्रामीण क्षेत्रों तक इन योजनाओं की पहुँच की भी बड़ी-बड़ी बातें की गयी पर समस्या का न तो निवारण न हुआ और न ही ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को किसी भी तरह का आराम पहुंचा।
छतरपुर जिले के ग्राम पंचायत बगौता की बात की जाए तो यहां लगभग दो हज़ार की आबादी है व इतनी आबादी के बीच सिर्फ 8 हैंडपंप है जिनमें से पांच हैंडपंप खराब है व सिर्फ तीन सही है लेकिन उनमें से भी पीने युक्त साफ़ पानी नहीं आता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पाइपलाइन लगी हुई है पर वह भी जगह-जगह से टूटी हुई है। वह लोग कभी-कभी उसी से पानी भर लेते हैं नहीं तो उन्हें पानी के लिए कोसों दूर का सफर करना पड़ता है। शिकायत करो तो भी सुनवाई नहीं होती। हैंडपंप को खराब हुए लगभग 1 साल बीत चुके हैं लेकिन इसे कोई देखने तक नहीं आता।
ये भी देखें – छुआछूत का दंश : दूर रहो, जब तक पानी न भर लें नल पर मत आना
ग्रामीण महिला आशा ने बताया, कामकाज को निपटाकर वह पानी के लिए लंबा रास्ता तय करती हैं। एक बाल्टी पानी में वह दो दिन चलाती हैं।
समस्या को लेकर खबर लहरिया ने कार्यपालक अधिकारी संजय ठुमरी से बात की। उन्होंने बताया कि यह बात उनके संज्ञान में आई है। वह दो दिनों में हैंडपंप सुधरवा देंगे। अगर पाइपलाइन टूटी है तो वह उसके लिए भी कुछ करेंगे ताकि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
ये भी देखें – चित्रकूट : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी बस सपने की तरह है
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’