मृतक के छोटे भाई प्रमोद जैन ने बताया कि कर्ज़ के बदले में उन्होंने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री रखी थी। वह लोग समय से लोन की क़िस्त देते थे। उसके बाद कोरोना काल में उनका बिज़नेस नहीं चला। उनके खाते में जितने पैसे थे, वह उससे लोन की भरपाई करते थे।
छतरपुर: व्यापारी द्वारा पूरा लोन न चुका पाने की वजह से बैंक ने घर में ताला लगा घर को सील कर दिया। घर से बाहर निकाले जाने की वजह से 48 वर्षीय व्यापारी चंद्रपाल जैन को सदमा लगा व दिल का दौरा पड़ने से 9 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। मृतक छतरपुर जिले के पथपुर रोड के रहने वाले थे। मामले में कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप हैं जिसमें परिवार बैंक पर बिना नोटिस दिए उन्हें घर से बाहर निकालने की बात कर रहा है। वहीं बैंक वालों द्वारा यह कहा जा रहा है कि समय से ईएमआई जमा न करने की वजह से उनकी तरफ से यह कदम उठाया गया है।
बता दें, मृतक चंद्रपाल ने 2017 में स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड से 10 लाख रूपये का लोन लिया था। जिसमें से उनके द्वारा 9 लाख रूपये चुका दिए गए थे व एक लाख का क़र्ज़ चुकाना बाकी था।
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बिना नोटिस घर किया सील
परिवार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, घर सील करने के लिए एक बैंक कर्मचारी सहित दो पुलिस कांस्टेबल आये थे। आरोप के अनुसार, बैंक कमर्चारी द्वारा चंद्रपाल जैन सहित पूरे परिवार को धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया और घर को सील कर दिया। इसके बाद मृतक ने तीन दिनों तक खाना नहीं खाया। 9 अक्टूबर की सुबह 10 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
मृतक के छोटे भाई प्रमोद जैन ने बताया कि कर्ज़ के बदले में उन्होंने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री रखी थी। वह लोग समय से लोन की क़िस्त देते थे। उसके बाद कोरोना काल में उनका बिज़नेस नहीं चला। उनके खाते में जितने पैसे थे, वह उससे लोन की भरपाई करते थे। एक साल से तंगी होने व बिज़नेस न चलने की वजह से वह लोन नहीं चुका पाएं। इस बीच उनके जवान बेटे की भी मौत हो गई।
उन्होंने बैंक वालों से कहा कि वह लोन चुका देंगे। आरोप के अनुसार, उनको न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही थोड़ा समय। बस 6 अक्टूबर को अचानक घर आकर परिवार को धक्के मारकर निकालने लगे। उन्हें घर से सामान खाली करने का भी मौका नहीं दिया। वह अब किसी और के घर में रह रहे हैं।
बैंक कर रहा 7 लाख रूपये की मांग – आरोप
मृतक के भाई का यह भी आरोप है कि 9 लाख चुका पाने के बावजूद भी बैंक द्वारा और 7 लाख रूपये की मांग की जा रही है जबकि उन्होंने सिर्फ 10 लाख का कर्ज़ा लिया था। बैंक पर यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा यह कहा गया है कि ‘जब तक इतना पैसा नहीं डोज तब तक आपके घर को ऐसे ही सील करके रखेंगे।’
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सड़क किया जाम
परिवार ने बैंक से निवेदन किया कि वे मृतक का अंतिम संस्कार उनके घर से करने दे लेकिन उन्हें इसकी इज़ाज़त नहीं मिली। इसके वाद परिवार द्वारा शव को 9 अक्टूबर को छतरपुर जिला कलेक्टर ऑफिस के सामने रखकर जाम किया गया व न्याय की मांग की।
दिया गया था नोटिस – बैंक मैनेजर
खबर लहरिया ने जब इस बारे में स्मॉल फाइनेंस प्राइवेट बैंक के बैंक मैनेजर आर.एस तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि मृतक द्वारा 10 लाख का लोन लिया गया था। उनकी क़िस्त भी आई थी लेकिन पिछले एक साल से कोई ईएमआई नहीं आई थी। परिवार को 2 अक्टूबर को नोटिस दिया गया था। तीन ईएमआई न आने पर नोटिस दे दिया जाता है।
एसडीएम ने जांच का दिया भरोसा
मामले को लेकर छतरपुर जिले के एसडीएम शिवाय अरजरिया ने कहा कि उनके द्वारा परिवार को आश्वाशन दिया गया है। बैंक से पूछताछ की जायेगी व जाँच पड़ताल के बाद कार्यवाही की जायेगी।
मामले में कौन दोषी है, या क्या ऐसी चीज़ है जो अभी सामने नहीं आ पाई हैं, यह सब जांच के बाद ही साफ़ हो पाएगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गई है।
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